Budhaditya Rajyog 2025 : हर ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस दौरान एक राशि में दो या दो अधिक ग्रहों के आने से युति, संयोग और राजयोग का निर्माण होता है। दिसंबर की तरह नए साल के पहले महीने जनवरी में भी ग्रहों का महागोचर होने वाला है। इसमें सबसे खास राजकुमार बुध और ग्रहों के राजा सूर्य का गोचर होगा, क्योंकि ये दोनों मिलकर जनवरी में 2 बार अलग अलग राशि में बुधादित्य राजयोग बनाएंगे।
ज्योतिष के अनुसार , वर्तमान में आत्मा के कारक सूर्य देव धनु राशि में विराजमान है और 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में गोचर करेंगे। बुद्धि, मित्रता, तर्क, ज्ञान के कारक बुध 5 जनवरी को धनु तो 24 जनवरी 2025 को मकर राशि में प्रवेश करेंगे,ऐसे में धनु और मकर राशि में दोनों ग्रहों की युति से बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा, जो कई राशियों के लिए लकी साबित होगा। आईए जानते है कौन सी है वो लकी राशियां…..
बुधादित्य राजयोग और राशियों पर प्रभाव
मेष राशि: ग्रहों का गोचर और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकता है। बिजनेस को बड़ा मुनाफा मिल सकती है। आपको नए ऑर्डर मिल सकते हैं। रुके हुए काम एक बार फिर से शुरू हो सकते हैं। किस्मत का साथ मिल सकता है।काम- कारोबार में अच्छी तरक्की मिल सकती है। नई नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। निवेश से अच्छा लाभ मिलेगा। व्यापारियों को अच्छा धनलाभ होगा। वहीं कारोबार का विस्तार हो सकता है।
धनु राशि: जनवरी में दो बार बुधादित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। करियर में सफलता मिल सकती है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। काम- कारोबार में तरक्की के साथ मुनाफा होगा। मार्केटिंग, शिक्षा और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा।
मकर राशि: सूर्य बुध की युति और बुधादित्य राजयोग का निर्माण जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। करियर कारोबार के लिए समय अनुकूल रहेगा।संतान की ओर से आ रही समस्याएं समाप्त हो सकती है।आत्म विश्वास में वृद्धि होगी। परिवार के साथ अच्छा समय बीत सकता है। बेरोजगारों को नई नौकरी के कई अवसर मिल सकते हैं। परिवार और अपने पार्टनर के साथ रिश्ते मजबूत बनेंगे। नौकरीपेशा को नए अवसर मिलेंगे। अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।
जानिए बुधादित्य राजयोग के बारें में
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।
- बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)