Shani Shukra Yuti : ज्योतिष शास्त्र में न्याय व दंड के देवता शनि और दैत्यों के गुरू शुक्र ग्रह की भूमिका बेहद अहम होती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, जिन्हें एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब 2.5 वर्ष का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल लग जाते है। शुक्र ग्रह को संपत्ति, ऐश्वर्या, वैभव का कारक माना जाता है,वे हर माह राशि बदलते है।
वर्तमान में शनि मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है और 29 मार्च 2025 को मीन में गोचर करेंगे, जहां पहले से ही दैत्यों के गुरू शुक्र पहले से स्थित है, ऐसे में 30 सालों बाद मार्च में मीन राशि में धनाढ्य योग बनेगा, जो 3 राशियों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है।आईए जानते है कौन सी है वो लकी राशियां

शुक्र शनि युति से 3 राशियों को मिलेगा लाभ
मिथुन राशि : शनि-शुक्र युति और धनाढ्य योग का बनना जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। कारोबार में तरक्की मिलेगी।व्यापार में विस्तार के साथ नई डील मिल सकती है। नौकरीपेशा को विदेश में नौकरी करने का मौका मिल सकता है। बेरोजगार को नौकरी के अवसर मिल सकते है। छात्रों को करियर में सफलता मिल सकती है।
कुंभ राशि: शनि शुक्र युति और धनाढ्य योग का बनना जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। कारोबार में सफलता मिल सकती है। पुराना निवेश लाभ लेकर आएगा। लंबे समय से अटका और फंसा हुआ धन वापस मिल सकता है।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। बेरोजगार को नौकरी मिल सकती है। शुक्र ग्रह से आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा।
वृषभ राशि: शनि शुक्र युति और धनाढ्य योग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। आय में वृद्धि और आय के नए नए स्त्रोत खुल सकते है।आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। इस अवधि में शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी से लाभ हो सकता है।रिश्तों में मिठास आएगी ।
मई तक मीन में रहेंगे शुक्र
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को दैत्यों का गुरू कहा जाता है। वे वृषभ और तुला के स्वामी माने जाते है। शुक्र मीन राशि में उच्च भाव में और कन्या राशि में नीच भाव में रहते हैं। वर्तमान में शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में स्थित है, जो 31 मई तक यहीं रहेंगे। शुक्र 2 मार्च को मीन राशि में वक्री और 13 अप्रैल को मार्गी होंगे। 31 मई को मीन से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र के उच्च राशि में आने से मालव्य राजयोग का भी निर्माण हुआ है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)