Govardhan Puja: हिंदू धर्म में व्रत, त्योहार और नियमों का विशेष महत्व माना गया है। हर त्यौहार को मनाने के पीछे की कोई ना कोई खास वजह होती है। 29 अक्टूबर से शुरू हुआ दीपावली का त्योहार अभी भी चल रहा है, जो 3 नवंबर यानि भाई दूज तक रहेगा। दीपावली के दूसरे दिन पूजा की जाती है जिसे हिंदू धर्म में खास महत्व माना गया है।
दीपावली के पांच प्रमुख त्योहारों में से एक गोवर्धन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गिरिराज जी के मंदिरों में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और घरों में दोपहर के बाद पूजन की जाती है। इस बार प्रतिपदा तिथि 2 नवंबर सूर्योदय से लेकर रात 8:31 तक रहने वाली है। चलिए आज हम आपको पूजन के मुहूर्त और गोवर्धन पूजा के भोग की जानकारी देते हैं।
गोवर्धन पूजा का मुहूर्त (Govardhan Puja)
प्रतिदपाड़ा तिथि की शुरुआत सूर्योदय से रहने वाली है। ऐसे में शाम तक ये पर्व मनाया जा सकेगा। शुभ मुहूर्त की बात करें तो वैसे तो मंदिरों में 12:00 बजे से पूजन शुरू हो जाएगी लेकिन 2:45 से शाम 4:09 तक शुभ मुहूर्त है। इसके बाद 5:31 से शाम 6:30 तक पूजन की जा सकती है। जो लोग विजय मुहूर्त में पूजन करना चाहते हैं वह 2:09 से 2:56 तक पूजा कर सकते हैं।
भोग में रखें ये चीजें
गोवर्धन पूजा के दौरान भगवान श्री कृष्ण को कई सारे मिष्ठानों का भोग लगाया जाता है। इस दिन अगर आप भगवान कृष्ण को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाना बिल्कुल ना भूलें। इसके अलावा छप्पन भोग में कढ़ी चावल जरूर शामिल करें, ये भगवान के प्रिय व्यंजनों में से एक है।
भगवान को पसंद हैं ये चीजें
भगवान को भोग लगाते समय रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, खीर, लड्डू, मालपुआ भी शामिल करें। यह सारी चीज भगवान को प्रिया है। छप्पन भोग की प्रसादी में अगर आप इन्हें भगवान को अर्पित करते हैं, तो आपको हर काम में सफलता मिलती है और घर में सुख समृद्धि और बरकत आती है।
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