Gajkesari Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं, ऐसे में वे किसी न किसी ग्रह के साथ युति बनाते है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।वही देवगुरू बृहस्पति साल में एक बार राशि परिवर्तन करते है।
पंचांग के अनुसार, 9 जनवरी को चन्द्रमा वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे है, जहां पहले से ही देवगुरू बृहस्पति विराजमान है, ऐसे में वृषभ राशि में चन्द्र गुरू की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा, जो कई राशियों के लिए शुभ साबित होने वाला है। खास बात ये है कि मई में फिर यह राजयोग बनेगा, क्योंकि 14 मई को गुरु बृहस्पति और 28 मई 2025 को चंद्रमा मिथुन राशि में गोचर करेंगे , ऐसे में 12 साल बाद मिथुन राशि में गुरु-चंद्रमा की युति से फिर गजकेसरी योग बनेगा।
गजकेसरी राजयोग का राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे हो सकते है। मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है।नौकरीपेशा को नए अवसर मिल सकते है। करियर में तरक्की के योग बन सकते हैं। आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है।आय में जबरदस्त इजाफा हो सकता है। आय के नए- नए सोर्स बन सकते हैं।
धनु राशि: चन्द्रमा गुरू और गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। अचानक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। करियर और नौकरी में बड़ी सफलता मिल सकती है।आर्थिक स्थिति और सेहत अच्छी रहेगी। कर्ज लोन से मुक्ति मिल सकती है।
कुंभ राशि :नए साल में गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। लंबे समय से रुके काम एक बार फिर से पूरे हो सकते हैं। आय में वृद्धि होने की संभावना है। नौकरीपेशा जातकों को प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। नवविवाहित जातकों के घर पर किसी खास मेहमान का आगमन हो सकता है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।
कब बनता है कुंडली में गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है या अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है। चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी यह योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)