Gajkesari Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में से चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं, क्योंकि चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि परिवर्तन करते हैं, ऐसे में वे किसी न किसी ग्रह के साथ युति बनाते है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है।वही दूसरी तरफ देव गुरू बृहस्पति 13 महीने में राशि बदलते है, ऐसे में अगर गुरू और चन्द्रमा साथ आ जाए तो राजयोग का निर्माण होता है।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान है, ऐसे में 24 मार्च को मन के कारक माने जाने वाले चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में वृषभ राशि में मौजूद गुरु बृहस्पति की दृष्टि पड़ेगी, जिससे गजकेसरी नामक राजयोग का निर्माण होगा, यह 26 मार्च तक बना रहेगा।यह 3 राशियों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है, आईए जानते है कौन सी है वो राशियां………..

चंद्रमा- गुरु का संयोग और गजकेसरी राजयोग
मकर राशि : चंद्रमा और देवदुरु बृहस्पति की दृष्टि पड़ने से बने गजकेसरी राजयोग से जातकों को लाभ मिलेगा।लंबे समय चली आ रही समस्याएं खत्म होंगी। नौकरीपेशा को नए बेहतर अवसर मिलेंगे।अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। दांपत्य जीवन में खुशियां आएंगी। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है।पार्टनरशिप में व्यापार करने की सोच रहे है तो सफल होंगे। पिता, पिता और गुरुओं का पूरा साथ मिलेगा।
मेष राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।अध्यात्म की ओर अधिक झुकाव बढ़ेगा।लंबे समय से अटके और रुके काम पूरे हो सकते हैं। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है। नई नौकरी और नया व्यापार सफलता दिला सकता है।विदेशों से जुड़े जातकों को लाभ मिल सकता है। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आय में वृद्धि के प्रबल योग बनेंगे।
कन्या राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। लंबे समय से रूके हुए काम में तेजी आएगी ।भूमि, वाहन और जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। नौकरी में पदोन्नति की सौगात मिल सकती है। संतान की ओर से आपको खुशियां मिल सकती है।अविवाहितों को शादी का प्रस्ताव आ सकता है।परिवार के साथ अच्छा वक्त बीतेगा।
कब बनता है कुंडली में गजकेसरी राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है ।
- अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)