Gajkesari Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरू बृहस्पति व मन के कारक चन्द्रमा की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह माना जाता हैं ,वे हर ढाई दिन में राशि बदलते हैं,ऐसे में वे किसी ने किसी राशि के साथ मिलकर योग राजयोग का निर्माण करते है।वही गुरू 13 महीने में राशि परिवर्तन करते है।
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, मन के कारक चंद्रमा 24 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे है जहां पहले से ही ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान के कारक देवगुरू बृहस्पति विराजमान है ऐसे में ग्रहों के राजकुमार बुध की राशि मिथुन में चन्द्र व गुरू की युति से गजकेसरी राजयोग बनने जा रहा है, जिसका प्रभाव 27 जून तक बना रहेगा जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा।
गजकेसरी राजयोग का राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि : चंद्रमा देवदुरु बृहस्पति की युति से बने गजकेसरी राजयोग से जातकों को विशेष लाभ की प्राप्ति हो सकती है। आय में बढ़ोतरी हो सकती है। पैतृक व्यापार से लाभ मिल सकता है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत हो सकते हैं। धर्म-कर्म के कार्यों में रूचि बढ़ेगी। अटका और रूका हुआ धन वापर मिल सकता है। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि हो सकती है।
मिथुन राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। भाग्य में वृद्धि और आय में बंपर वृद्धि हो सकती है। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले सकते है। संतान की ओर से भी कोई गुड न्यूज मिल सकती है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रबल योग है। आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। लंबे समय से चली आ रही बीमारी ठीक हो सकती है। वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहेगी। कोई पुरानी बीमारी ठीक होगी। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान और सफलता के योग है।
तुला राशि : गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल रहेगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा । अधूरे और रुके हुए काम पूरे होंगे। अटके रूके और बिगड़े हुए काम बन सकते हैं। संतान सुख मिल सकता है। अगर कोर्ट में कोई मामला लंबे समय से चल रहा था, तो उसमें अब राहत मिलेगी। किसी बड़ी कंपनी से ऑफर मिल सकता है कार्यों में सफलता मिल सकती है।अध्यात्म की ओर झुकाव हो सकता है। धार्मिक य़ात्राएं कर सकते हैं। करियर व शिक्षा के लिए समय अनुकूल रहेगा।
कुंडली में कब बनता है गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





