ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों का मनुष्य के जीवन से विशेष संबंध होता है। इनकी जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव डालती है। इसमें व्यक्ति का व्यवहार, करियर और आर्थिक नुकसान इत्यादि शामिल हैं। कुंडली में ग्रहों की स्थिति सफलता, प्रेम, ऊर्जा, आत्मविश्वास और संबंधों की स्थिति को भी निर्धारित करती है। व्यक्ति के व्यवहार और भाव का कनेक्शन भी ग्रहों से होता है।
आपने कई बार देखा होगा खाते-पीते या बातचीत बार-बार जीभ कटती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के हिसाब से जल्दी बोलने, खाते समय बोलते, तनाव एकाग्रता कम होने और अन्य कारणों से यह समस्या होती है। विटामिन की कमी और दांतों से संबंधित समस्या भी इसका कारण बन सकती हैं। लेकिन कुछ लोग इसे अशुभ मानते हैं और ज्योतिष शास्त्र से जोड़ते हैं।

कौन-सा ग्रह होता है वजह? (Grah Nakshatra Prabhav)
कुंडली में बुध ग्रह (Budh Grah) की स्थिति कमजोर होने से व्यक्ति की जीभ बातचीत के दौरान बार-बार कटती है। बता दें कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुधदेव को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा दिया गया है। इसे वाणी, तर्क, संचार, निर्णय क्षमता, करियर, कारोबार, सामाजिक जीवन इत्यादि का कारक माना जाता है। इसकी मजबूत स्थिति व्यक्ति को सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है। ज्ञान और बुद्धि में भी वृद्धि होती है। जीभ कटना बुध के अशुभ होने का संकेत हो सकता है। जिसे ठीक करने के लिए कुछ उपायों को आजमाया जा सकता है।
इन उपायों से होगा लाभ
- बुधवार को भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें। उन्हें मोदक और लड्डू का भोग लगाएं। दूर्वा घास भी अर्पित करें। इस दिन व्रत रखना ना भूलें। ऐसा करने से बुध की स्थिति मजबूत होती है। सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। करियर में लाभ होता है।
- पन्ना रत्न धारण करने से भी कुंडली में बुध मजबूत होते हैं। महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां धारण कर सकती हैं। बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करें।
- इस दिन मूंग की दाल या हरी वस्तुओं का दान करें।
- गाय को हरी घास खिलाना भी अच्छा माना जाता है।
- दुर्गा सप्तशती और ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
(Disclaimer: इन आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)