Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है।इसी क्रम में जून में ग्रहों के राजा सूर्य और देवताओं के गुरू बृहस्पति गुरू आदित्य राजयोग बनाने जा रहे है जो कई राशियों के लिए लकी साबित होगा।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान के कारक गुरू वृषभ राशि में विराजमान है और 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे।इसके बाद 15 जून 2025 को पिता, आत्मा के कारक सूर्य भी वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में मिथुन राशि में सूर्य गुरू की युति से गुरू आदित्य राजयोग का निर्माण होगा। आईए जानते है यह राजयोग किन राशियों के लिए भाग्यशाली साबित होगा।

गुरू सूर्य का शक्तिशाली राजयोग, राशियों पर प्रभाव
मिथुन राशि: सूर्य गुरू का संयोग और गुरू आदित्य योग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है।इस अवधि में पद पैसा और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होने के आसार है।। शादीशुदा का वैवाहिक जीवन खुशनुमा रहेगा। अविवाहित के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। लंबे समय से सोची हुई योजनाएं सफल होंगी। व्यापार में मुनाफा मिल सकता है।भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों में लाभ मिल सकता है। संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
कुंभ राशि: सूर्य गुरू युति और गरु आदित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। आपको संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। आकस्मिक धनलाभ हो सकता है।संतान की तरफ से कोई गुड न्यूज मिल सकती है। नई नौकरी के अवसर मिल सकते है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। करियर में उन्नति के अवसर मिल सकते है।
मीन राशि : गुरु आदित्य राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है। भौतिक सुख- सुविधाओं में वृद्धि होगी। निवेश से लाभ मिल सकता है। इस अवधि में वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते है। रियल स्टेट, प्रापर्टी और जमीन- जायदाद से जुड़े व्यापारियों को धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। पारिवारिक विवाद सुलझ सकते हैं। जीवन में खुशहाली आएगी। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए समय उत्तम रहेगा ।
गुरु आदित्य राजयोग कब बनता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य और बृहस्पति एक ही राशि में एक साथ आते हैं या एक-दूसरे पर दृष्टि डालते हैं, तब गुरु आदित्य योग का निर्माण होता है। इस योग को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है।जिसकी कुंडली में यह राजयोग बनता है वह जीवन में ज्ञान, धन, यश, मान-सम्मान, और वैवाहिक तथा पारिवारिक सुख प्राप्त करता है।
25 अप्रैल को गुरू सूर्य का अर्धकेंद्र योग
जून में बनने वाले गुरू आदित्य राजयोग से पहले सूर्य गुरू 25 अप्रैल को अर्धकेंद्र योग का निर्माण कर रहे हैं।चुंकी वर्तमान में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में विराजमान है और गुरु वृषभ राशि में स्थित है। इस दिन सूर्य और गुरु एक-दूसरे से 45 डिग्री पर होंगे, जिससे अर्धकेंद्र राजयोग का निर्माण होगा। यह शुभ योग वृषभ, मिथुन और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है। इस योग से करियर, व्यापार, नौकरी में उन्नति के नए अवसर खुलेंगे और हर काम में सफलता मिलेगा। भाग्य व परिवार का भी साथ मिलेगा।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)