हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है ऐसे में ग्रहों की चाल बदलने से योग और राजयोग का निर्माण होता है, जिसका 12 राशियों पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है। इसी क्रम में अक्टूबर नवंबर में अब 4 बड़े ग्रह शुक्र बुध सूर्य और गुरू मिलकर बुधादित्य, मालव्य और हंस महापुरूष राजयोग बनाने जा रहे है। ज्योतिष के मुताबिक, धन, वैभव, ऐश्वर्य के कारक और दैत्यों के गुरू शुक्र 2 नवंबर को तुला में प्रवेश कर मालव्य राजयोग तो देवगुरू बृहस्पति 18 अक्टूबर को 12 साल बाद अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश कर हंस महापुरूष राजयोग बनाएंगे। ग्रहों के राजकुमार बुध 3 अक्टूबर और ग्रहों के राजा सूर्य 17 अक्टूबर को तुला राशि में प्रवेश कर बुधादित्य राजयोग बनाएंगे।
हंस, मालव्य और बुधादित्य राजयोग 3 राशियों के लिए लकी
मकर राशि: मालव्य, हंस और बुधादित्य राजयोग जातकों के लिए शुभ फलदायी सिद्ध हो सकता है। कारोबारियों के लिए समय उत्तम रहेगा, कारोबार का विस्तार हो सकता है। नौकरीपेशा को नई जिम्मेदारी मिल सकती है। प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। आय में वृद्धि हो सकती है, नए नए स्त्रोत खुल सकते है।लंबी दूरी की यात्रा कर सकते है। मीडिया, फैशन डिजाइनिंग, फिल्म लाइन और मॉडलिंग से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ मिल सकता है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।
कुंभ राशि: मालव्य, बुधादित्य और हंस राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। किस्मत का साथ मिलेगा। देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। पुराने निवेश या किसी अनजान स्रोत से धन लाभ हो सकता है। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। लव लाइफ में रोमांस और प्रेम बढ़ेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के रिश्ते आ सकते है।. कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल हो सकती है।
कर्क राशि: मालव्य, बुधादित्य और हंस राजयोग जातकों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। करियर में नए अवसर मिल सकते है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते है। व्यापार में डील या पुराना कर्ज वापस मिल सकता है।शादीशुदा का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। नौकरी में प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। स्टूडेंट्स को पढ़ाई में सफलता मिलेगी। समाज में मान- सम्मान बढ़ेगा।
कुंडली में कब बनता है मालव्य, बुधादित्य और हंस राजयोग
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
- वैदिक ज्योतिष में हंस राजयोग को शुभ माना जाता है।जब किसी की कुंडली में बृहस्पति लग्न हो और यहां से चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में कर्क, धनु या मीन राशि में होता हैं तो हंस राजयोग का शुभ योग बनता है। जिस भी जातक की कुंडली में बृहस्पति केंद्र भाव में होकर मूल त्रिकोण स्वगृही और उच्च राशि का होता है तो हंस राजयोग का निर्माण होता है। इस तरह के राजयोग से जातकों के जीवन में अच्छी सफलता, सुख, समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





