Hindu Belief: हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित होता है। आज गुरुवार है और गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। यह दिन विवाह सुख समृद्धि और सौभाग्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर और भगवान विष्णु की पूजा करके मनचाहा वर प्राप्ति सुख वैवाहिक जीवन और सौभाग्य की कामना करती हैं। इसके अलावा गुरुवार का दिन उन लोगों के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है जिन लोगों की शादी में समस्याएं आ रही है कोशिश करने के बाद भी शादी की बात नहीं बन पाती है। ऐसा माना जाता है कि जब कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह कमजोर होते हैं तब शादी संबंधित चीजों में बाधाएं आती है। इसके चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा ऐसे कुछ उपाय बताएंगे जिन्हें करने से कुंडली में दोष कम हो सकता है साथ ही साथ कुछ ऐसे मत्रों के बारे में बताएंगे जिनका जाप करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं, तो चलिए जानते हैं।
शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय
प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती से अर्गलास्तोत्र पाठ करने से अविवाहित जातकों का शीघ्र विवाह होता है। दुर्गा सप्तशती, देवी दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका पाठ करने से शक्ति, बुद्धि, और विजय की प्राप्ति होती है। यह दुर्गा सप्तशती के तृतीय अध्याय का हिस्सा है। इसका पाठ करने से शत्रुओं पर विजय और रक्षा का आशीर्वाद मिलता है।
यदि कोई वर किसी कन्या को शादी के लिए देखने जा रहा है तो उसे गुड़ खाकर जाना चाहिए, ज्योतिष शास्त्र या हिंदू धर्मग्रंथों में कहीं उल्लिखित नहीं है। भारतीय संस्कृति में मीठे पदार्थों को शुभ माना जाता है। गुड़ को शुक्र ग्रह से जुड़ा माना जाता है, जो प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है। गुड़ का सेवन सकारात्मक ऊर्जा और खुशी लाता है।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकारी देवता माना जाता है। उनकी पूजा शुभ कार्यों और विवाह के लिए भी की जाती है। लड्डू भगवान गणेश का प्रिय भोग है। ऐसा माना जाता है कि लड्डू चढ़ाने से बुद्धि, समृद्धि और सुखी वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है। मालपुए भी भगवान गणेश का प्रिय भोग माने जाते हैं। कन्याओं द्वारा मालपुए का भोग लगाने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
शीघ्र विवाह के मंत्र
1. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥
2. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
3. हे गौरी शंकरार्धांगि । यथा त्वं शंकरप्रिया ।|
तथा माँ कुरु कल्याणि । कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।
4. ॐ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीस्वरि ।
नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः ।।
5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
6. शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
7. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
8.ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा
9. ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः
10. ॐ बृं बृहस्पतये नम:
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:
ॐ गुं गुरवे नम:
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)