व्यक्ति जब भी अपने जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहा होता है, तो उसका समाधान वह ज्योतिष के जरिए प्राप्त करने की कोशिश करता है। ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जिसमें हमारे जीवन से जुड़े हर पहलू का जिक्र मिलता है। ग्रह नक्षत्र की स्थिति कब कैसी बनेगी और कैसे परिणाम देगी यह सब कुछ हमें ज्योतिष के जरिए ही पता चलता है। इन्हीं स्थितियों को देख हम अपने जीवन और भविष्य का अंदाजा लगा पाते हैं।
हर तरह की समस्या के समाधान का ज्योतिष में कोई ना कोई उपाय जरूर बताया गया है। समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करने के लिए रत्नों को धारण करना भी एक ऐसा ही उपाय है जिसकी सलाह अक्सर लोगों को दी जाती है। यह रत्न हमेशा राशि और लगन के हिसाब से धारण किए जाते हैं जो जीवन पर गहरा असर डालते हैं।
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रत्न शास्त्र के 9 रत्न (Ratna Astrology)
रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्न का उल्लेख दिया गया है। यह सभी किसी न किसी ग्रह और राशि से जुड़े हुए हैं। जब इन्हें धारण किया जाता है तो यह अलग-अलग राशियों के लोगों पर अलग-अलग प्रभाव डालने का काम करते हैं। रत्न धारण करने से पहले ज्योतिष की सलाह के मुताबिक कुंडली में ग्रहों की स्थिति देखने की सलाह दी जाती है। अगर रत्न के मुताबिक ग्रह अनुकूल है तो ही उसे धारण किया जाता है। हम फायदा प्राप्त करने के लिए रत्न धारण करते हैं लेकिन इसके लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है तभी हमें पूर्ण लाभ मिल सकेगा।
कब नहीं होगा फायदा
कई बार ऐसा होता है कि हम कुंडली के अनुकूल रत्न धारण करने के बावजूद भी शुभ परिणाम प्राप्त नहीं कर पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रत्नों में भी कुछ दोष होते हैं, जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- रत्न कभी भी दाग वाला, अंदर से कटा हुआ, लटका हुआ या कोना झरा हुआ नहीं होना चाहिए। यह दोष पूर्ण रत्न कहलाते हैं जो हमें अच्छे परिणाम नहीं देते।
- रत्न धारण करते समय यह कितने रत्ती का है इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है। काम रत्ती का नग हमें लाभ पहुंचाने में असमर्थ होता है।
- रत्न को हमेशा स्वच्छ और ज्योतिषी मापदंड के मुताबिक खरीदना चाहिए।
- जब भी रत्न खरीदें इस बात का ध्यान रखें यह दूषित या दागदार नहीं होना चाहिए। खंडित रत्न धारण करना हमें शुभ परिणाम नहीं देता।
इन बातों का रखें ध्यान
- हमेशा ज्योतिष द्वारा बताए गए समय मुहूर्त और नक्षत्र में ही रत्न को धारण करें।
- कुछ लोगों को अपनी अंगूठी उतार कर मेज पर घूमाने की आदत होती है। वो इसे एक उंगली से दूसरी उंगली में पहनते रहते हैं, इससे लाभ नहीं मिलता।
- हमने जिस मुहूर्त में रत्न पहना है अगर हम उसे उतार कर वापस पहनते हैं तो वह बदल जाता है और कई बार फायदे की जगह नुकसान होने लगता है।
- कुछ योग ऐसे होते हैं जो हमारे बनते हुए कामों को भी बिगाड़ देते हैं। ऐसे में रत्न धारण करते समय कौन सा योग चल रहा है इस बात का ध्यान रखना जरूरी है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।