Kalatmak Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के गोचर और युति से राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों की गणना की जाती है। सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर राशि परिवर्तन करते है, इस दौरान 2 ग्रहों की युति से शुभ-अशुभ योग और राजयोग निर्माण होता है, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है। इसी कड़ी में अब दैत्यों के गुरू शुक्र और चंद्रमा के संयोग से मीन राशि में कलात्मक राजयोग का निर्माण हो रहा है।
पंचांग के अनुसार, वैभव, सौंदर्य और ऐश्वर्य के कारक शुक्र 28 जनवरी 2025 को अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश करेंगे और मई तक रहेंगे। 1 फरवरी को मन के कारक चंद्र देव भी मीन राशि में गोचर करेंगे और 3 फरवरी तक स्थित रहेंगे। ऐसे में 1 फरवरी को मीन राशि में शुक्र-चंद्र की युति से कलात्मक राजयोग बनेगा, जो 3 राशियों की किस्मत चमक सकता है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं…
कलात्मक राजयोग का राशियों पर प्रभाव
कर्क राशि: चंद्र शुक्र का संयोग और कलात्मक राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। किस्मत का साथ मिल सकता है। नौकरीपेशा को प्रमोशन या नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। काम- कारोबार के संबंध से यात्रा कर सकते हैं। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। शुक्र गोचर से भाग्य का साथ और भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी । अधूरे कामों को गति मिलेगी। वाहन खरीदने के लिए समय अनुकूल रहेगा।
मीन राशि : शुक्र का राशि परिवर्तन और कलात्मक राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है।। शुक्र गोचर से भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। कलात्मक योग से कोई नया काम शुरू कर सकते हैं। कारोबार में तरक्की और धनलाभ के योग बनेंगे। शादीशुदा लोगों का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है या फिर कहीं संबंध जुड़ सकता है।
वृश्चिक राशि: चंद्र और शुक्र ग्रह की युति और कलात्मक राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है, प्रेम विवाह के भी प्रबल योग है। छात्र किसी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। पारिवारिक और दांपत्य जीवन में शांति और सामंजस्य रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।
चन्द्र-शुक्र ग्रह के बारें में प्रमुख बातें
- ज्योतिष के मुताबिक, शुक्र ग्रह को ऐश्वर्य, सौंदर्य, कला, सुख , भोग, संगीत, धन, संपत्ति, और यश का कारक माना जाता है। शुक्र ग्रह को तुला और वृषभ राशि का स्वामी माना गया है। वे मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच के होते है।शुक्र ग्रह भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों के भी स्वामी है।
- चंद्रमा को मन, मस्तिष्क, बुद्धिमत्ता, स्वभाव का कारक माना जाता है।चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है। वे वृषभ राशि में उच्च स्थान प्राप्त करता है और वृश्चिक राशि में नीच राशि में होता है। चन्द्र हर ढ़ाई दिन में चाल बदलते है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)