Sun, Dec 28, 2025

सफलता के द्वार खोल देता है कुलदीपक राजयोग, दिलाता है तरक्की-वैभव, धन और मान-सम्मान

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसे जीवन में सुख समृद्धि, सफलता और धन सब कुछ हासिल हो। हमारा जीवन नौ ग्रहों की स्थिति पर आधारित है। ऐसे में कुंडली में कुछ ऐसे राजयोग निर्मित होते हैं जो जीवन बदलकर रख देते हैं।
सफलता के द्वार खोल देता है कुलदीपक राजयोग, दिलाता है तरक्की-वैभव, धन और मान-सम्मान

Kuldeepak Rajyog: हर व्यक्ति की कुंडली में नौ ग्रह विराजित होते हैं। जो उसके जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखकर आसानी से उसके जीवन और भविष्य के बारे में जानकारी निकाली जा सकती है। दरअसल ग्रहों की चाल समय-समय पर परिवर्तित होती है। जिसका असर व्यक्ति के जीवन पर गहरे तरीके से पड़ता है। ग्रह नक्षत्र मिलकर किसी ने किसी तरह का योग निर्मित करते हैं। जिनके जरिए व्यक्ति के भविष्य की जानकारी मिलती है।

जब ग्रह मिलते हैं और किसी योग का निर्माण करते हैं तब हर जातक पर इसका अलग-अलग असर होता है। कुछ योग ऐसे भी होते हैं जिन्हें राजयोग कहा जाता है। राजयोग इसलिए क्योंकि यह जिस व्यक्ति की कुंडली में बनते हैं उसके जीवन को बदलकर रख देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही योग कुलदीपक राजयोग के बारे में बताते हैं।

बहुत शुभ है कुलदीपक राजयोग

कुछ योग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को फर्श से अर्श तक पहुंचा देते हैं। कुलदीपक राजयोग भी एक ऐसा ही योग है जो व्यक्ति के लिए सफलता के द्वार खोल देता है। चलिए आज हम आपको बताते हैं किसका निर्माण कैसे होता है और यह व्यक्ति के जीवन पर किस तरह से प्रभाव डालता है।

कब बनता है कुलदीपक राजयोग

  • कुलदीपक राजयोग व्यक्ति को जीवन में सफलता दिलाने का काम करता है। जब देवगुरु बृहस्पति मेष राशि में मार्गी होते हैं तब इसका निर्माण होता है।
  • मंगल ग्रह के कारण इस योग का निर्माण होता है। कुंडली में लग्न भाव में बुध और केंद्र में गुरु विराजमान होने पर मंगल 10 वें स्थान पर विराजमान हो जाए तब इस योग का निर्माण होता है।
  • अगर कुंडली के लग्न या सातवें भाव में मंगल, पांचवें स्थान पर सूर्य और 12वें भाव में राहु होता है, तब भी यह योग बन जाता है।

कैसा होता है प्रभाव

जिस व्यक्ति की कुंडली में कुलदीपक राज्यों का निर्माण होता है वह जन्म से ही अपने परिवार का चहेता होता है। न सिर्फ माता-पिता बल्कि पूरा परिवार ही ऐसे व्यक्ति पर खूब प्रेम बरसाता है। इन लोगों को हर काम में सफलता मिलती है और यह तेजी से तरक्की करते हैं। यह जातक अपने परिवार का नाम रोशन करते हैं और जिम्मेदारियां भी बखूबी निभाते हैं।

करें ये उपाय

  • जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग बन रहा है तो मंगल की उच्च स्थिति बनाए रखने के लिए उसे हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए।
  • बंदरों को चना खिलाना भी इस राजयोग की स्थिति को प्रबल बनता है।
  • जो लोग मंगलवार का व्रत करते हैं। उन्हें इस योग के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।