Mahalaxmi Rajyog 2025 : हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तन करता है, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग व राजयोग का निर्माण होगा। इसी क्रम में मई के पहले हफ्ते में ग्रहों के सेनापति मंगल और मन के कारक चन्द्रमा मिलकर कर्क राशि में महालक्ष्मी राजयोग बनाने जा रहे है, जो 3 राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ साबित होने वाला है।
ज्योतिष में मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक माना गया है, वे हर 45 दिन में राशि बदलते रहते हैं।वही चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रह है और हर ढ़ाई दिन में राशि बदलते है। वर्तमान में ग्रहों के सेनापति मंगल कर्क राशि में विराजमान है और 3 मई को मन के कारक चन्द्रमा भी कर्क राशि में गोचर करेंगे ,जिससे कर्क राशि में मंगल चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 8 मई तक रहेगा।

महालक्ष्मी राजयोग और राशियों पर प्रभाव
कर्क राशि : मंगल चंद्रमा की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। अटके रूके कामों को गति मिलेगी। व्यक्तित्व में निखार आएगा। नई योजनाएं लाभकारी साबित हो सकती हैं। घर में खुशी का माहौल रहेगा।जीवनसाथी व परिवार का साथ मिलेगा।
कन्या राशि : जातकों के लिए महालक्ष्मी राजयोग शुभ और लाभकारी रहेगा। मां लक्ष्मी की कृपा से धन दौलत में बढ़ोतरी होगी। किस्मत चमक सकती है। लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते है काम- कारोबार के संबंध से देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। निवेश के लिए समय अनुकूल रहेगा।कारोबार में भी मनचाहा लाभ हासिल होगा ।मान सम्मान में वृद्धि होगी।
कन्या राशि : चंद्रमा- मंगल की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीतेगा। व्यापार में नई डील मिलने के प्रबल संकेत है। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है।आय में वृद्धि के प्रबल योग है। नौकरीपेशा को वेतनवृद्धि के साथ प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है।संतान की ओर से खुशखबरी मिल सकती है। आपको निवेश से लाभ मिल सकता है। शेयर बाजार सट्टा और लॉटरी में लाभ हो सकता है।
क्या होता है Mahalaxmi Rajyog
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लग्न कुंडली में जब मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान हो तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है। मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो तब अपार धन लाभ देता है।ज्योतिष में इस योग को बेहद शक्तिशाली माना जाता है। महालक्ष्मी योग से धन, दौलत, सुख, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी हमेशा कृपा बरसाती हैं। समाज में मान-सम्मान मिलता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)