हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है और इसी माह में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी बड़ा महत्व माना जाता है। ।इस बार की सावन शिवरात्रि 23 जुलाई 2025 को पड़ रही है। खास बात ये है इस दिन 3 बड़े राजयोग का भी अद्भूत संयोग देखने को मिलेगा। इसमें नवपंचम गजकेसरी राजयोग, बुधादित्य राजयोग और मालव्य राजयोग शामिल है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, वर्तमान में सुख-संपदा के कारक शुक्र अपनी मूल त्रिकोण राशि वृषभ राशि में विराजमान रहेंगे, जिससे मालव्य राजयोग बना है। चंद्रमा मिथुन राशि में गुरु के साथ युति मिलकर गजकेसरी राजयोग बनाएंगे। सूर्य बुध के एक साथ कर्क राशि में रहने से बुधादित्य योग का भी निर्माण होगा।24 साल बाद यह पहला मौका होगा जब सावन शिवरात्रि पर एक साथ बड़े राजयोग बनेंगे।
जानिए 3 राजयोग का राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव
मिथुन राशि (Gemini Zodiac) :सावन शिवरात्रि पर बनने वाले 3 राजयोग से जातकों को बेहद लाभ मिलने की उम्मीद है।हर क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्ति हो सकती है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीत सकता है। आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है।समाज में मान-सम्मान बढ़ सकता है। मां लक्ष्मी की कृपा रहेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।
कर्क राशि (Cancer Zodiac) : सावन शिवरात्रि पर बनने वाले 3 राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकते है। समाज में मान-सम्मान में बढ़ोतरी हो सकती है। भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहेगी। मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।लंबे समय से अटका व रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। अविवाहितों के लिए शादी का प्रस्ताव आ सकता है। नया व्यापार शुरू करने के लिए समय उत्तम रहेगा।
वृश्चिक राशि (Scorpio Zodiac): सावन शिवरात्रि पर बनने वाले 3 राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकते है। भौतिक सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। धन लाभ के प्रबल योग हैं। पैतृक संपत्ति से लाभ मिल सकता है। कोई नया वाहन खरीद सकते हैं। शादीशुदा जातकों को इस अवधि में काफी लाभ मिल सकता है।आर्थिक रूप से यह समय आपके लिए बहुत फलदायी होगा।धन की प्राप्ति के नए स्रोत खुलेंगे।
सावन शिवरात्रि पर बनेंगे ये 3 बड़े राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आदित्य का मतलब सूर्य से होता है इस तरह से जब कुंडली में सूर्य और बुध दोनों ग्रह एक साथ मौजूद हों तो बुधादित्य राजयोग बनता है।बुधादित्य योग कुंडली के जिस भाव में मौजूद रहता है उसे वह मजबूत बना देते है। कुंडली में बुध और सूर्य के एक साथ होने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है।उसे धन, सुख-सुविधा, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
- मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





