Malavya/Gajkesari Rajyog 2025 : हर ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस दौरान एक राशि में दो या दो अधिक ग्रहों के आने से युति, संयोग और राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में 100 साल बाद अक्षय तृतीया पर देवताओं के गुरू बृहस्पति, मन के कारक चन्द्रमा और दैत्यों के गुरू शुक्र मिलकर मालव्य और गजकेसरी राजयोग बनाने जा रहे है।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में धन, वैभव, ऐश्वर्य के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान है जिससे मालव्य राजयोग बना हुआ है। 29 अप्रैल को मन के कारक चंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, जहां पहले से ही गुरू विराजमान है, ऐसे में वृषभ राशि में गुरू चन्द्र की युति से गजकेसरी नामक राजयोग बनेगा, जो 4 राशियों के लिए लकी साबित होगा।

अक्षय तृतीया पर बन रहे शक्तिशाली राजयोग से चमकेगी किस्मत
कुंभ राशि: मालव्य व गजकेसरी राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में अवसर और करियर में तरक्की मिल सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे। अटका और रूका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आपके कार्यों की सिद्धि हो सकती है।
वृषभ राशि : गजकेसरी और मालव्य राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी सिद्ध हो सकता है।आय में वृद्धि होगी। आय के नए नए स्त्रोत बनेंगे। बिजनस में उन्नति के साथ मुनाफे के प्रबल योग है। निवेश से लाभ मिल सकता है। आर्थिक योजनाएं सफल होंगी । प्रसिद्धि एवं सम्मान की प्राप्ति हो सकती है। नौकरी में वेतन वृद्धि के साथ प्रमोशन का लाभ मिल सकता है।
कर्क राशि: मालव्य राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। देश-विदेश की यात्राओं के प्रबल योग है। अटके हुए कार्य फिर से बनना शुरू हो जाएंगे।करियर में कई नए मौके मिलेंगे। बिजनेस करने वाले जातकों को नया प्रोजेक्ट या फिर ऑर्डर मिल सकता है। गजकेसरी राजयोग से अध्यात्म की ओर आपका झुकाव बढ़ेगा। धर्म कर्म के कार्यों में रूचि बढ़ेगी। नई नौकरी के मौके मिल सकते है। नौकरीपेशा को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। धन निवेश के लिए समय उत्तम रहेगा।
धनु राशि: गजकेसरी और मालव्य राजयोग का बनना जातकों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ के प्रबल योग हैं।भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। पारिवारिक विवाद सुलझ सकते हैं। माता के साथ संबंध मजबूत होंगे। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों के लिए समय अनुकूल है। प्रॉपर्टी खरीद सकते है।
कुंडली में कब बनता है मालव्य/गजकेसरी
- मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है । अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)