Malavya Rajyog 2025 : हर ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस दौरान एक राशि में दो या दो अधिक ग्रहों के आने से युति, संयोग और राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में दैत्यों के गुरू शुक्र अपनी स्वराशि वृषभ में प्रवेश कर मालव्य राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 3 राशियों पर विशेष रूप से पड़ेगा।
वर्तमान में धन, वैभव, ऐश्वर्य के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में विराजमान है और 31 मई को मेष और फिर 29 जून को शुक्र अपनी स्वामी राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे और 25 जुलाई 2025 तक रहेंगे, ऐसे में वृषभ में जाते ही मालव्य राजयोग बनेगा, जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा।

मालव्य राजयोग का राशियों पर प्रभाव
कर्क राशि : मालव्य राजयोग बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा।आय में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है। निवेश से लाभ मिलने के प्रबल योग है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा को प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है। कारोबार में धनलाभ और नई डील मिल सकती है।शेयर बाजार और सट्टा, लॉटरी के लिए समय अनुकूल रहेगा, लाभ दिला सकता है।
वृषभ राशि : जून महीने में मालव्य राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होंगी।आकस्मिक धनलाभ के योग बनेंगे। परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। रुके व अटके काम पूरे होंगे।भौतिक सुख साधनों की प्राप्ति होगी। वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा।अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। पुराने दोस्तों से मुलाकात हो सकती है।
सिंह राशि: मालव्य राजयोग का बनना अनुकूल सिद्ध हो सकता है। कारोबार में तरक्की मिलेगी। आय में वृद्धि होने के प्रबल संकेत है। विदेश में नौकरी का मौका मिल सकता है। नौकरीपेशा को पदोन्नति की सौगात मिल सकती है। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। व्यापारियों को मुनाफा मिल सकता है। निवेश के बारे में सोच सकते है, भविष्य में लाभ मिलेगा। रूके व अटके कामों को फिर गति मिल सकती है।
कुंडली में कब बनता है मालव्य
मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)