नजर दोष और जादू टोना की समस्या दूर करेगा ये चमत्कारी रत्न, बनने लगेंगे बिगड़े काम

कुंडली में मौजूद ग्रह हमारे जीवन को बहुत गहरे तरीके से प्रभावित करते हैं। आज हम आपको रत्न शास्त्र में उल्लेखित एक बहुत ही चमत्कारी और ताकतवर रत्न के बारे में बताते हैं।

Diksha Bhanupriy
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हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख, समृद्धि, तरक्की और खुशहाली प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए वह हर संभव कोशिश करता है ताकि अपने सपनों को पूरा कर सके। हालांकि, हमें मिलता सिर्फ उतना ही है। जितना हमारी कुंडली में मौजूद ग्रह नक्षत्र हमें देना चाहते हैं। ऐसे में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति को मजबूत बनाकर व्यक्ति अपने जीवन में खुशहाली प्राप्त कर सकता है।

ज्योतिष के जरिए कुछ आसान उपायों को अपनाकर हर तरह की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि हमारे बनते काम बिगड़ने लगते हैं। कोशिश करने के बावजूद भी हमें सफलता नहीं मिलती और हम मुसीबतों का सामना करते हैं। ऐसे में ज्योतिष उपाय के तहत कुछ रत्नों को पहनने की सलाह दी जाती है, जो परेशानियों को दूर करते हैं। कई बार बुरी नजर और जादू टोना जैसी चीजें भी हमें परेशान करती है। जिसे रत्नों के जरिए दूर किया जा सकता है। आज हम आपको ऐसे ही चमत्कारी रत्न के बारे में बताते हैं।

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धारण करें नीलम (Neelam)

रत्न शास्त्र में 9 रत्नों का उल्लेख दिया गया है, जिनका संबंध नौ ग्रहों से होता है। अगर इन्हें ठीक तरह से धारण कर लिया जाए तो जीवन की परेशानियां दूर की जा सकती है। नीलम बहुत ही प्रभावशाली रत्न है, जिसका संबंध शनि ग्रह से होता है।

कब करें धारण

नीलम अगर धारण करना है तो कुंडली में शनि की स्थिति चौथे, पांचवें, दसवें और 11वें भाव में होनी चाहिए। अगर आपकी कुंडली में भी शनि इन स्थानों पर विराजमान है तो नीलम धारण करना शुभ माना गया है। वहीं कुंडली में शनि का षष्ठमेश और अष्टमेश होना भी शुभ माना गया है।

कौन पहनें

मिथुन, कन्या, वृषभ, मकर, कुंभ और तुला राशि के लोग नीलम धारण कर सकते हैं। इन राशियों के लिए शनि अनुकूल परिणाम देता है। इतना याद रखें कि नीलम 5 से सवा 7 रत्ती का होना चाहिए और इसे पंच धातु में पहनना शुभ होता है।

होगा ये फायदा

  • अगर आपको ऐसा लगता है कि आपका बनते हुए काम बार-बार बिगड़ रहे हैं तो यह नजर दोष हो सकता है। नीलम नजर दोष के प्रभाव को दूर कर देगा।
  • यह बहुत चमत्कारी रत्न और इसे पहनने के बाद तंत्र-मंत्र, भूत-प्रेत, और जादू-टोना असर नहीं करते हैं।
  • इसे धारण करने से कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है और काम में आ रही बाधाएं अपने आप ही समाप्त होने लगती है।
  • शनि की साढ़ेसाती और ढैया के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए भी इसे धारण किया जा सकता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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