ज्योतिष में शुभ परिणामों की प्राप्ति के लिए रत्नों को पहनने की सलाह दी गई है। इसकी विशेष शाखा रत्न शास्त्र में 9 रत्न और 84 उपरत्न का उल्लेख मिलता है, जो अलग-अलग ग्रह और राशियों से संबंधित है। अगर इन्हें राशि और लग्न की शुभ स्थिति को देखकर पहन लिया जाए तो जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
हर रत्न का अलग-अलग ग्रह से संबंध है और यह व्यक्ति के जीवन पर असर भी अलग डालता है। पृथ्वी पर जो भी रत्न पाए जाते हैं वह शारीरिक और मानसिक के साथ आत्मिक शांति प्रदान करने का काम करते हैं। मोती एक ऐसा रत्न है, जो व्यक्ति को मन की शांति देता है और उसकी इच्छा पूर्ति में सहायक बनता है। हालांकि इसे पहनने के लिए नियमों का ध्यान रखना जरूरी है वरना नुकसान हो सकता है।

कैसा है मोती का असर (Moti)
मोती का संबंध ज्योतिष में चंद्रमा से बताया गया है। चंद्रमा व्यक्ति के मन का कारक है और भावनाओं पर असर डालता है। उसी तरह से यह रत्न भी मन और भावनाओं को कंट्रोल करता है। वैसे यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता। खासकर उन लोगों के लिए जिंदगी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति खराब हो।
होंगे ये फायदे
- मोती धारण करने से व्यक्ति को कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।
- वृश्चिक, मीन, कर्क और मेष राशि के लोगों इसे धारण कर सकते हैं। इससे उन्हें मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है उनके लिए यह बहुत शुभ माना गया है क्योंकि इससे चंद्रमा मजबूत होता है।
- यह व्यक्ति की आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उसके निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है।
- मोती पहनने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होने लगती है। इससे उसे भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
कर सकता है नुकसान
मोदी के फायदे तो अनेक है लेकिन अगर सही तरीके से धारण न करें तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है उन्हें यह नहीं पहनना चाहिए। इस तरह के लोग मानसिक और शांति और क्रोध का सामना कर सकते हैं। जिनकी कुंडली में चंद्रमा दसवें और बारहवें स्थान पर बैठा है वह इसे धारण ना करें क्योंकि उन्हें नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
कैसे करें धारण
- मोती धारण करने के लिए इसे आपको हमेशा चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए।
- शुक्ल पक्ष के सोमवार को आप इसे शुद्ध करके पहन सकते हैं।
- इसे हमेशा कनिष्ठ यानी सबसे छोटी उंगली में पहना जाता है।
- पहनने से पहले से गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान शिव को अर्पित कर दें। ऐसा करने से यह सकारात्मक परिणाम देता है।
- इसके साथ कभी भी हीरा, नीलम या पन्ना नहीं पहना जाता है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।