3 राशियों के जीवन में खुशियां लाएगा नवपंचम राजयोग! बढ़ेगा मान सम्मान, मिलेगा भाग्य का साथ, कार्यों में पाएंगे सफलता

ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है।

Pooja Khodani
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Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर महीने कोई ना कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, ऐसे में ग्रहों की चाल और नक्षत्र के स्वभाव पर विशेष ध्यान रखा जाता है।चुंकी कई ग्रह ऐसे हैं, जिनके राशि परिवर्तन के बाद योग अथवा राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में 9 फरवरी को ग्रहों के सेनापति मंगल और न्याय के देवता शनि मिलकर नवपंचम राजयोग बनाने जा रहे है।

ज्योतिष शास्त्र में  शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, जिन्हें एक से दूसरी राशि में जाने के लिए 2.5 वर्ष का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल लगते है। मंगल ग्रह को भूमि, साहस, वीरता का कारक माना जाता है,वे हर माह राशि बदलते है।वर्तमान में शनि मूल त्रिकोण राशि कुंभ और मंगल मिथुन में स्थित है। 9 फरवरी को मंगल शनि एक-दूसरे से 9वें और 5वें भाव यानी करीब 120 डिग्री पर रहेंगे, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा, जो कई राशियों के लिए लकी साबित होगा।

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नवपंचम राजयोग और राशियों पर प्रभाव

मीन राशि: मंगल शनि युति और नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। जीवन में सुकून आएगा। पार्टनर के साथ चली आ रही समस्याएं अब समाप्त हो सकती है।भौतिक सुख-सुविधा बढ़ेगी। करियर में नए अवसर मिल सकते है। व्यापार में अच्छे मौके मिल सकते है।

कुंभ राशि: शनि मंगल की युति और नवपंचम राजयोग जातकों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है। सट्टेबाजी और ट्रेड के माध्यम से जुड़े व्यापार में काफी लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। जीवन में सुख और सौभाग्य की वृद्धि हो सकती है।कार्यों में सफलता पाएंगे। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नौकरी में कई नए अवसर मिल सकते है।

कर्क राशि: मंगल शनि युति और नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है।भाग्य का पूरा साथ मिल सकता है। हर क्षेत्र में सफलता पाएंगे। अचानक से धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है।

क्या होता है नवपंचम राजयोग

  • ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है।
  • जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, बना दे तो नवपंचम राजयोग बनता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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