Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते है जिससे योग राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में देव दिवाली से पहले आज 4 नवंबर को ग्रहों के सेनापति मंगल और वरूण मिलकर शक्तिशाली नवपंचम राजयोग बनाने जा रहे है। वर्तमान में साहस, शक्ति और ऊर्जा कारक मंगल अपनी स्वराशि वृश्चिक राशि में विराजमान है और 7 दिसंबर तक यही रहेंगे। वरूण ग्रह मीन में विराजमान है।आज मंगलवार को दोनों ग्रह एक-दूसरे से 120 डिग्री पर होंगे, जिससे यह राजयोग बनेगा जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा। मंगल के अपनी स्वराशि में आने से रूचक नामक शक्तिशाली राजयोग का भी निर्माण हुआ।
नवपंचम राजयोग का राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव

मेष राशि पर प्रभाव : मंगल वरूण युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए बेहद लकी सिद्ध हो सकता है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है । नौकरीपेशा को नई नौकरी के अवसर मिल सकते है, कार्यस्थल पर प्रशंसा और सफलता मिल सकती है।आय के नए स्रोत बनेंगे। कारोबारियों के लिए समय उत्तम रहेगा। अटके रूके कामों को गति मिल सकती है।करियर में तरक्की मिलने के योग है।
कन्या राशि पर प्रभाव : मंगल वरूण युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति हो सकती है। लंबे समय से अटके कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। करियर में सफलता मिलेगी। पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है। लव लाइफ शानदार रहेगी, पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताएंगे।
तुला राशि पर प्रभाव : मंगल वरूण युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।व्यक्तित्व में निखार आएगा। व्यावसायिक मामलों में सफलता प्राप्त करेंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगेगी।नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। आपकी पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । बिजनेस में लंबे समय से अटकी कोई डील पूरी हो सकती है और अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
ऐसे बनता है कुंडली में नवपंचम राजयोग
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)










