Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों में से मायावी ग्रह राहु और देवगुरु बृहस्पति की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। राहु को छाया ग्रह माना जाता है, जो हमेशा वक्री चाल चलते हैं,क्योंकि इसे किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। राहु एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करने में 18 महीने लगते है। वही गुरु को ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान का कारक माना जाता है वे एक राशि में 13 महीने तक रहते है।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में देवगुरू बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान है और 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 18 मई को राहु भी मीन ने निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में 18 मई को राहु मिथुन राशि में नौवें और गुरु कुंभ राशि में पांचवे भाव में रहेंगे, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा। आईए जानते है यह राजयोग किन राशियों के लिए लकी साबित होगा।

नवपंचम राजयोग से चमकेगी इन राशियों की सोई हुई किस्मत
मिथुन राशि: गुरू राहु का संयोग और नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए बेहद लकी साबित हो सकता है। विदेश से स्कॉलरशिप मिलने के प्रबल योग है। समाज में मान- सम्मान मिलेगा। हर क्षेत्र में सफलता हासिल हो सकती है। नौकरी के कई नए अवसर मिल सकते हैं। करियर में नए अवसर मिल सकते है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है।बिजनेस में कई नई डील मिलने से तरक्की होगी।
कुंभ राशि: नवपंचम राजयोग का बनना जातकों के लिए हितकारी सिद्ध हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। धन लाभ के प्रबल योग है।संतान की ओर से भी कोई अच्छी खबर मिल सकती है। लव लाइफ अच्छी रह सकती है।लंबे समय से सोची गई योजनाएं सफल हो सकती है। मनचाही इच्छाएं पूरी हो सकती है। आय में वृद्धि के प्रबल योग है। नौकरीपेशा को पद के साथ-साथ वेतन प्रमोशम का लाभ मिल सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में नए मौके मिल सकते है।
कन्या राशि: नवपंचम राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति हो सकती है। हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलने के योग है। आत्मविश्वास में वृद्धि हो सकती है।कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता हासिल हो सकती है। आर्थिक उन्नति के भी योग बन रहे हैं। पूर्व में किए गए निवेश में आपको लाभ मिल सकता है।परिवार और संतान से जुड़ी खुशखबरी मिल सकती है। रिश्तों में मधुरता आएगी।
आईए जानते है नवपंचम राजयोग के बारें में
- ज्योतिष के मुताबिक, जब दो ग्रह पंचम दृष्टि अथवा त्रिकोणीय संबंध में स्थित होकर शुभ भावों में परस्पर दृष्टि डालते हैं, तब उस संयोग को नवपंचम राजयोग कहा जाता है।
- जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं, दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है, तो नवपंचम राजयोग बनता है ।
- ज्योतिष में मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली 2 राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)