Navpancham Rajyog : ज्योतिष शास्त्र में न्याय के देवता शनि और ग्रहों के सेनापति मंगल की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। शनि एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लेते है,ऐसे में एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को करीब 30 साल लगते है।मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है, वे हर 45 दिन में राशि बदलते रहते हैं।वर्तमान में शनि मीन और मंगल कन्या राशि में विराजमान है। 09 अगस्त रक्षाबंधन के दिन मंगल और अरुण एक दूसरे से 120 अंश पर होंगे जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा । इसी दिन मंगल और शनि एक दूसरे से 180 अंश पर होंगे जिससे प्रतियुति हो रही है, ऐसे में 3 राशि वालों को बड़ा लाभ मिल सकता है।आईए जानते है कौन कौन सी है वो लकी राशियां……….
नवपंचम राजयोग से चमकेगी 4 राशियों की किस्मत
मेष राशि :मंगल अरूण शनि संयोग और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सिद्ध हो सकता है। कई क्षेत्रों में अपार सफलता मिल सकती है। जीवन में लंबे समय से चली आ रही परेशानियां दूर हो सकती है। नौकरीपेशा के लिए समय अनुकूल रहेगा।पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। विदेश से संबंधित काम में सफल हो सकते है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।रुके हुए धन की प्राप्ति हो सकती है।
वृश्चिक राशि: नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। लंबे समय से चली आ रही परेशानी दूर हो सकती है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है। व्यापार में मुनाफे के साथ नई डील मिल सकती है। लंबे समय से रुके और अटके कामों को गति मिल सकती हैं। नौकरीपेशा को नए अवसर मिल सकते है। मानसिक तनाव से मुक्ति मिल सकती है।
मीन राशि : नवपंचम राजयोग बेहद फलदायी साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। व्यापार और आत्मविश्वास में वृद्धि मिलेगी। नौकरी और शिक्षा में नए अवसर मिल सकते है। सोशल मीडिया या डिजिटल माध्यमों से विदेशों से जुड़े व्यवसायिक कार्यों में सफलता मिल सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। यात्रा के योग बन सकते हैं।
ऐसे बनता है कुंडली में नवपंचम राजयोग
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





