Navpancham Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर महीने कोई ना कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है, ऐसे में दो ग्रहों के एक राशि में आने से योग अथवा राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में आज 26 जुलाई को न्याय व दंड के देवता शनि और दैत्यों के गुरू शुक्र मिलकर नवपंचम राजयोग बनाने जा रहे है, क्योंकि दोनों ग्रह एक दूसरे से 120 डिग्री पर रहेंगे।
ज्योतिष में न्याय व दंड के देवता शनि की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। शनि एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लेते है,ऐसे में एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को करीब 30 साल लगते है।वही शुक्र हर माह चाल बदलते है। वर्तमान में शनि मीन राशि में विराजमान है और शुक्र वृषभ में स्थित है। 26 जुलाई को सौन्दर्य, सुख के कारक शुक्र मिथुन में गोचर करेंगे, ऐसे में जुलाई अंत में शनि शुक्र की युति से नवपंचम राजयोग बनेगा।
नवपंचम राजयोग से चमकेगी 4 राशियों की किस्मत
मिथुन राशि : शुक्र शनि संयोग और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सिद्ध हो सकता है। नौकरीपेशा को वेतनवृद्धि के साथ पदोन्नति का लाभ मिल सकता है।रिश्तों में सुधार आएगा। किस्मत का साथ मिल सकता है। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते है।पार्टनरशिप में किए गए बिजनेस से लाभ मिल सकता है।आत्मविश्वास में वृद्धि और मान-सम्मान में इजाफा देखने को मिलेगा।
कुंभ राशि : नवपंचम राजयोग बेहद फलदायी साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। संतान की तरफ से कोई खुशखबरी मिल सकती है। समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। व्यापारियों के लिए समय उत्तम रहेगा। विवाह से संबंधित मामलों में शुभ समाचार मिल सकता हैं।परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। शादीशुदा का वैवाहिक जीवन खुशहाल रहेगा।
वृषभ राशि : नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। भौतिक संसाधनों में वृद्धि हो सकती है। आकस्मिक धनलाभ के योग बन रहे हैं। बेरोजगारों को नौकरी के प्रस्ताव आ सकते है। फिल्म लाइन, कला, मीडिया, संगीत, लग्जरी आयटम का काम- कारोबार करने वालों के लिए समय उत्तम रहेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वहीं इच्छाओं की पूर्ति होगी। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।
ऐसे बनता है कुंडली में नवपंचम राजयोग
ज्योतिष के मुताबिक, नवपंचम राजयोग तब बनता है जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं। दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है। जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





