Neech bhang Rajyog 2025 : वैदिक ज्योतिष में सभी नवग्रहों का विशेष महत्व माना जाता है और हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है, जिससे योग-राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में अब अक्टूबर में दैत्यों के गुरू शुक्र अपनी नीच राशि कन्या में प्रवेश करेंगे, जिससे नीचभंग राजयोग का निर्माण होगा। ज्योतिष के मुताबिक, 9 अक्टूबर को सौंदर्य, विलास, भोग और वैभव के कारक शुक्र कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे नीचभंग राजयोग बनेगा जो 3 राशियों के लिए लकी साबित हो सकता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं उन्हें जीवन में भौतिक सुख,सुंदरता, वैभव और ऐशोआराम मिलता है।
3 राशियों के लिए लकी साबित होगा नीचभंग राजयोग
मिथुन राशि : नीचभंग राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। भौतिक सुख- सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। आय में वृद्धि के साथ नए नए स्त्रोत खुलेंगे। कारोबार में सफलता मिल सकती है।व्यापार प्रापर्टी, जमीन- जायदाद और रियल स्टेट से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल है। शादीशुदा जीवन शानदार रहेगा, जीवनसाथी की तरक्की हो सकती है।
धनु राशि : नीचभंग राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। काम-कारोबार में खास तरक्की मिल सकती है।नौकरीपेशा को कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है। कला, लेखन, संगीत के क्षेत्र में काम करने वालों को सफलता मिल सकती है। व्यपार में तरक्की के साथ अच्छा धनलाभ हो सकता है। नौकरीपेशा में नई जिम्मेदारियां मिल सकती है।
मकर राशि : नीचभंग राजयोग का बनना जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापारियों को इस समय अच्छा धनलाभ हो सकता है। इस समय आप कारोबार का विस्तार कर सकते हैं।परिवार के साथ समय बिताएंगे। प्रतियोगी छात्रों को किसी परीक्षा में सफलता मिल सकती है।देश- विदेश की यात्रा कर सकते हैं। कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्र में शामिल हो सकते हैं।
कब बनता है Neech bhang Rajyog
- ज्योतिष के मुताबिक, यदि किसी कुंडली में एक उच्च ग्रह के साथ एक नीच ग्रह रखा जाता है, तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में बैठा हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो कुंडली में नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि में उच्च होने वाला ग्रह चंद्रमा से केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
- यदि किसी कुंडली में किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो तो नीचभंग राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





