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Sat, Dec 20, 2025

इन राशियों की तकदीर बदल सकता है नीलम, मिलती है शनि देव की कृपा, जानें कैसे करें धारण

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
नीलम एक ऐसा रत्न है जो व्यक्ति को भौतिक सुख सुविधा देने का काम करता है। यह शनि से जुड़ा रत्न है जो कुंडली में ग्रहों की स्थिति को मजबूत बनाता है।
इन राशियों की तकदीर बदल सकता है नीलम, मिलती है शनि देव की कृपा, जानें कैसे करें धारण

ज्योतिष की महत्वपूर्ण शाखा रत्न शास्त्र में 9 रत्नों और 84 और उपरत्नों का उल्लेख दिया गया है। यह सभी रत्न नौ ग्रहों से संबंधित होते हैं जो जीवन के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करते हैं। दरअसल हमारी कुंडली में मौजूद ग्रह ही हमारे पूरे जीवन को चलाते हैं। रत्न एक ऐसी चीज है जो इन ग्रहों की स्थिति को बेहतर बनाने का काम करते हैं। नीलम भी एक ऐसा ही चमत्कारी रत्न है।

नीलम शनिदेव से संबंधित रत्न है जो कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति को मजबूत बनाने का काम करता है। इसे पहनने से व्यक्ति को भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है। वह समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा हासिल करता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर या अशुभ है। उन्हें अक्सर नीलम पहनने की सलाह दी जाती है। चलिए आज आपको इस रत्न से पड़ने वाले प्रभाव और पहनने के तरीके के बारे में बताते हैं।

इन राशियों के लिए शुभ (Neelam)

शनि का रत्न है इसलिए जिन लोगों की कुंडली में शनि उच्च में विराजमान हो वह इसे पहन सकते हैं। मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए यह काफी शुभ होता है क्योंकि यह शनि की आधिपत्य वाली राशियां हैं। वृषभ, कन्या, मिथुन और तुला राशि के लोग भी इसे धारण कर सकते हैं। कुंडली में अगर शनि अशुभ परिणाम दे रहा है या कमजोर है तो इसे पहना जा सकता है। इसे कभी भी माणिक्य और मूंगा के साथ नहीं पहनना चाहिए।

होंगे ये लाभ

  • नीलम धारण करने से व्यक्ति को अपने करियर और कारोबार में तरक्की की प्राप्ति होने लगती है।
  • यह आत्मविश्वास को बढ़ा देता है और व्यक्ति अपने सभी काम कॉन्फिडेंस के साथ पूरे करता है।
  • जिन लोगों को रात में नींद ना आने की समस्या है अगर वह इसे धारण करते हैं तो उन्हें बेहतर तरीके से नींद आती है और वह मानसिक शांति का अनुभव करते हैं।
  • यह रत्न कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति को शुभ में परिवर्तित करने का काम करता है।

कैसे करें धारण

  • नीलम पहनने के लिए इसका 7 से सवा आठ रत्ती का होना जरूरी होता है।
  • इसे आप अंगूठी या पैंडल के रूप में पहन सकते हैं।
  • नीलम चांदी या फिर पंच धातु में पहनना शुभ माना गया है।
  • शनिवार के दिन इसे गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
  • इसके बाद भगवान के समक्ष रख शनि मंत्रों का जाप करें।
  • अब आपको इसे अपनी मध्यमा उंगली में धारण करना होगा। इसका चमत्कारी परिणाम आपको अपने आप ही दिखने लगेंगे।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।