ऋषि पंचमी पर इस मुहूर्त में करें सप्तऋषियों की पूजन, जानें क्या खाएं क्या नहीं

आज ऋषि पंचमी का व्रत है और महिलाएं बड़ी संख्या में इस व्रत का पालन करती हैं। चलिए आज हम आपको व्रत का मुहूर्त, नियम और भोजन विधि बताते हैं।

Diksha Bhanupriy
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Rishi Panchami

Rishi Panchami: हिंदू धर्म में अलग-अलग व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व माना गया है। ऋषि पंचमी एक ऐसा त्यौहार है जिसे विवाहित और विवाहित दोनों ही महिलाओं के लिए काफी शुभ माना गया है। हर साल महिलाओं को ऋषि पंचमी का व्रत रखने और सप्त ऋषियों का आशीर्वाद पाने के लिए विधि विधान से पूजन अर्चन करते देखा जाता है।

मान्यताओं के मुताबिक ऋषि पंचमी का व्रत रजस्वला होने वाली महिलाएं करती हैं। इस व्रत को करने से महिलाओं को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसी के साथ मासिक धर्म में भूल चूक से हुए पापों से भी मुक्ति मिलती है। हर साल भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ये व्रत किया जाता है। चलिए आज हम आपको इस बात के दौरान ध्यान रखने वाले नियम पूजा का मुहूर्त और विधि बताते हैं।

ऋषि पंचमी तिथि और मुहूर्त

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 5:37 पर ऋषि पंचमी शुरू होगी जो 8 सितंबर शाम 7:58 पर समाप्त होगी। पूजा तिथि के मुताबिक यह व्रत 8 सितंबर को रखा जाएगा।

ऋषि पंचमी के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 11:03 से 1:34 तक शुभ मुहूर्त है। इस समय सप्त ऋषियों की पूजा करना काफी फलदाई माना जाता है।

पूजन विधि

  • जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर घर और मंदिर की सफाई कर पूजा स्थान पर एक चौकी स्थापित करें।
  • धूप, दीप, फल, फूल, घी, पंचामृत एकत्रित करें।
  • चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर सप्त ऋषि की तस्वीर स्थापित करें। यहां गुरु की तस्वीर भी रखी जा सकती है।
  • कलश में मौजूद गंगाजल से सप्त ऋषियों को अर्घ्य दें और धूप दिखाएं।
  • इसके बाद फल फूल और नैवेद्य अर्पित करें। भोग में मिठाई और फल जरूर रखें।
  • सप्त ऋषियों के मंत्र का जाप करें और अंत में अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे।
  • पूजा संपन्न होने के बाद सभी लोगों को प्रसाद वितरित करें।

व्रत में क्या खाएं

ऋषि पंचमी के व्रत में केला, सेब, अंगूर जैसी चीज खाई जा सकती है। आलू, गाजर, बीन्स जिन्हें भाप में पकाया गया हो वह भी खाया जा सकता है। दूध और दही का सेवन किया जा सकता है। काजू, बादाम, किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट खा सकते हैं। कूट्टू के आटे की पूरी पराठा भी खाई जा सकती है।

क्या ना खाएं

चावल, गेहूं, मक्का जैसे अनाज का सेवन इस दिन नहीं किया जाता। किसी प्रकार की दाल, मांस, मछली, अंडे का सेवन बिलकुल न करें। प्याज और लहसुन खाना भी वर्जित माना गया है। मिठाई का सेवन सीमित मात्रा में कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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