Parivartan Rajyog 2024: ज्योतिष में ग्रहों के सेनापति मंगल का बड़ा महत्व माना जाता है। जब भी मंगल चाल बदलते है तो 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। हाल ही में साहस, भूमिका और दृढ़ता के कारक मंगल ने गुरु की राशि मीन राशि में प्रवेश किया है, जहां पहले से ही राहु विराजमान है । इससे अंगारक योग का निर्माण हुआ है। इसके अलावा ‘परिवर्तन राजयोग भी बना है, क्योंकि मंगल गुरु की राशि मीनऔर गुरु मंगल की राशि मेष में विराजमान है, हालांकि यह अल्प समय के लिए रहेगा क्योंकि 1 मई को गुरू वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। यह राजयोग और योग तीन राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है। आईए जानते है कौन सी है वो 3 राशियां……..
कर्क राशि : मंगल गुरू के प्रभाव से बना परिवर्तन राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। कार्यों में सफलता मिलेगी। लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ अन्य लाभ के कई मौके मिलने के योग है। व्यापार में भी खूब लाभ मिलने के आसार हैं। विदेश में कारोबार है तो लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।व्यापार में निवेश करने से आपको लाभ हो सकता है। उच्च शिक्षा की दिशा में जो लोग प्रयास कर रहे हैं, उनके प्रयास सफल होंगे। परिवार का साथ मिलेगा।
वृश्चिक राशि : परिवर्तन राजयोग से जातकों को विशेष फल की प्राप्ति होगी। व्यापार विदेश में है तो खूब धन लाभ हो सकता है। छात्रों के लिए समय अनुकूल रहेगा। विदेश में नौकरी का सपना पूरा हो सकता है। करियर और बिजनेस में जबरदस्त लाभ मिलेगा। नौकरीपेशा को अपनी नई जिम्मेदारी मिल सकती है। लव लाइफ अच्छी रहेगी। कार्यों में सफलता पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा।
मकर राशि : मंगल और गुरू का आर्शावाद मिलेगा। समय अनुकूल साबित हो सकता है। भाग्य चमक सकता है। विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने और नौकरी की इच्छा पूरी हो सकती है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता हासिल हो सकती है। व्यापार में लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।संपत्ति, वाहन खरीदने की चाहत पूरी हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। रिश्तों में मधुरता आएगी। जीवन में उन्नति के नए मार्ग मिलेगें।
क्या होता है परिवर्तन राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, परिवर्तन राजयोग का निर्माण तब होता है, जब ग्रहों के स्वामी भाव का संयुक्त रूप से आदान-प्रदान होता है, यानि जब दो ग्रह आपस में अपने भावों का आदान-प्रदान करते हैं। ऐसा होने से केवल राशियों का आदान-प्रदान नहीं होता है, बल्कि ऊर्जा, प्रकृति और शक्ति का भी ।
- आमतौर पर, दोनों ग्रह जिस भाव में बैठे होते हैं, उसके महत्व को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। जब ग्रह अपने भाव में स्थित होते हैं, तो यह ग्रह जातक को मजबूत परिणाम देता है। साथ ही परिवर्तन योग में दोनों ग्रह एक समान व्यवहार करते हैं। जब ग्रह अपने भावों का आदान-प्रदान करते हैं, तो वे परस्पर पहलू की तरह आपस में जुड़े होते हैं।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)