3 राशियों का भाग्य पलटेगा शनि-सूर्य का शक्तिशाली राजयोग! 16 अप्रैल से गोल्डन टाइम, पद-पैसा और प्रतिष्ठा के प्रबल योग

कर्मफल और न्यायाधीश ग्रह शनि व ग्रहों के राजा सूर्य साथ मिलकर शक्तिशाली राजयोग बनाने जा रहे हैं। दोनों ग्रह 16 अप्रैल को द्विद्वादश योग का निर्माण कर रहे हैं जो 3 राशियों के लिए लकी साबित हो सकता है।आईए जानते है कौन सी है वो राशियां.......

Surya Shani Conjunction 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों में खास करके ग्रहों के राजा सूर्य और न्याय दंड के देवता शनि की भूमिका ज्योतिष में अहम मानी जाती है, क्योंकि दोनों के बीच पुत्र पिता का संबंध है।

वर्तमान में शनि अभी मीन राशि में विराजमान हैं और 14 अप्रैल को सम्मान, पिता, आत्मा, समृद्धि के कारक सूर्य अ पनी उच्च राशि मेष में गोचर करने वाले है, ऐसे में 16 अप्रैल को दोनों ग्रह एक-दूसरे से 30 डिग्री पर होंगे, जिससे द्विद्वादश योग का निर्माण होगा जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगी।आईए जानते है किन राशियों की चमक सकती है किस्मत…

शनि-सूर्य का शक्तिशाली राजयोग, राशियों पर प्रभाव

मिथुन राशि: सूर्य शनि का संयोग और द्विद्वादश योग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। जीवन में खुशियों का आगमन होगा। हर क्षेत्र में अपार सफलता के योग है। आत्म विश्वास में वृद्धि हो सकती है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आमदनी के नए स्त्रोत खुल सकते हैं। व्यापार में मुनाफा व नई डील मिल सकती है। माता-पिता, गुरु का आर्शीवाद मिलेगा। स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है।

कुंभ राशि: सूर्य-शनि का द्विद्वादश योग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। व्यापार में उन्नति के साथ नए अवसर मिल सकते है। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल मिल सकती है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जीवन में खुशियों का आगमन हो सकता है।भाग्य का अच्छा साथ आपको मिलेगा। काम लंबे समय से रुके हुए थे वे पूरे होंगे। आय में वृद्धि के योग बनेंगे।

कर्क राशि : सूर्य शनि का द्विद्वादश योग जातकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। लंबे समय से रुके काम पूरे होंगे । समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।नौकरी में तरक्की के प्रबल योग है। वेतनवृद्धि के साथ-साथ पदोन्नति के लाभ मिल सकते हैं।पैतृक संपत्ति मिलने के प्रबल योग है। जीवन मे खुशियों की दस्तक हो सकती है।

कब बनता है द्विद्वादश योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब दो ग्रह कुंडली में एक-दूसरे से दूसरे और बारहवें भाव में हो या फिर एक-दूसरे से 30 डिग्री पर होंते है , तो द्विद्वादश योग का निर्माण होता है। सूर्य और शनि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर एक-दूसरे से 30 डिग्री पर होंगे।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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