Gajkesari Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में चंद्रमा और देवताओं के गुरू बृहस्पति का अपना अलग महत्व है। जहां चन्द्रमा एक राशि से दूसरी राशि में जाने से ढ़ाई दिन का समय लगाते है, वही देव गुरू बृहस्पति 13 महीने में राशि बदलते है, ऐसे में अगर गुरू और चन्द्रमा किसी राशि में साथ आ जाए तो गजकेसरी राजयोग का निर्माण होता है।
ज्योतिष के मुताबिक, वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान है, ऐसे में 1 अप्रैल को मन के कारक चंद्रमा भी वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में शुक्र की राशि वृषभ राशि में गुरू चन्द्र की युति से शक्तिशाली गजकेसरी नामक राजयोग का निर्माण होगा, यह 3 अप्रैल तक बना रहेगा।यह 4 राशियों के लिए शुभ साबित हो सकता है, आईए जानते है कौन सी है वो राशियां………..

चंद्रमा- गुरू की युति और गजकेसरी राजयोग
वृषभ राशि : चंद्रमा और बृहस्पति की युति से बने गजकेसरी राजयोग से जातकों को लाभ मिलेगा। अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। समाज में मान प्रतिष्ठा मिलेगी। व्यापार में नई डील हासिल कर सकते है।
मिथुन राशि:मां लक्ष्मी की विशेष कृपा हो सकती है। जीवन में खुशियां ही खुशियां आ सकती है। नौकरी में चली आ रही समस्याएं समाप्त हो सकती है।नौकरी में प्रमोशन के साथ वेतन में वृद्धि भी हो सकती है। व्यापार में सफलता हो सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी।
कर्क राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल साबित हो सकता है। भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा। आय में वृद्धि होगी और नए नए स्त्रोत बनेंगे। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। व्यापार में आपको नए अवसर मिलेंगे। इस अवधि में निवेश से लाभ मिल सकते है। समस्याओं का समाधान कर पाएंगे। आर्थिक दृष्टि मजबूत होगी। राजनीति में सक्रिय लोगों को मेहनत का फल मिल सकता है।
सिंह राशि : गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। अटके रुके कामों को गति मिलेगी। बेरोजगारों को नई नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं।नौकरी पेशा को इंक्रीमेंट और प्रमोशन मिलने की उम्मीद है।मनचाही जगह ट्रांसफर हो सकता है। कारोबारियों को मुनाफा मिल सकता है। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
कुंडली में कब बनता है गजकेसरी राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है ।अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)