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Sat, Dec 20, 2025

3 राशियों के चमकेंगे भाग्य के सितारे, सूर्य चन्द्र ने बनाया समसप्तक राजयोग, हर काम में सफलता, धनलाभ के प्रबल योग

Written by:Pooja Khodani
Published:
ग्रहों के राजा सूर्य और मन के कारक चंद्रमा ने मिलकर समसप्तक राजयोग बनाया है, जो 3 राशि वालों के लिए लकी साबित हो सकता है। आईए जानते है कौन कौन सी है वो भाग्यशाली राशियां......
3 राशियों के चमकेंगे भाग्य के सितारे, सूर्य चन्द्र ने बनाया समसप्तक राजयोग, हर काम में सफलता, धनलाभ के प्रबल योग

Rajyog 2025

Samsaptak Yog: ज्योतिष में ग्रहों नक्षत्रों, कुंडली और राजयोग का बड़ा महत्व माना जाता है। ग्रहों में सूर्य को ग्रहों का राजा और चन्द्रमा को मन का कारक माना जाता है ।जहां पिता, आत्मा के कारक सूर्य हर माह चाल बदलते है। वही चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाले ग्रह है और हर ढ़ाई दिन में राशि बदलते है। इसी क्रम में सूर्य चन्द्र ने मिलकर समसप्तक राजयोग का निर्माण किया है।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वर्तमान में सूर्य मिथुन राशि में विराजमान है। चंद्रमा 9 जुलाई को धनु राशि में प्रवेश कर गए हैं और 11 जुलाई तक इसी राशि में रहने वाले हैं, ऐसे में सूर्य व चन्द्रमा ने मिलकर समसप्तक राजयोग बनाया है, जो 3 राशि के जातकों को विशेष लाभ प्रदान कर सकते है। ये विश्लेषण चंद्र राशि के आधार पर किया गया है।

राजयोग और राशियों पर प्रभाव

कर्क राशि पर प्रभाव: समसप्तक राजोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। सूर्य का आर्शीवाद मिलेगा। विदेश यात्रा का मौका मिल सकता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता हासिल हो सकती है। स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है और परिवार के साथ अच्छा वक्त बीतेगा।

कन्या राशि पर प्रभाव : समसप्तक राजोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है।भाग्य का साथ मिल सकता है। करियर में उन्नति हो सकती है। नौकरपेशा के लिए समय उत्तम रहेगा। पदोन्नति वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है।माता-पिता का पूरा साथ मिल सकता है।

धनु राशि पर प्रभाव: राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते है। संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिल सकता है। पार्टनरशिप में किए जा रहे बिजनेस में लाभ मिल सकता है। करियर में तरक्की मिल सकती है। समाज में मान-सम्मान की वृद्धि हो सकती है। जीवनसाथी के साथ अच्छा वक्त बीत सकता है।वैवाहिक जीवन में चली आ रही समस्याएं समाप्त हो सकती है।

कुंडली में कब बनता है समसप्तक राजयोग

ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं या जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है। यह ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)