सालों बाद शनि मंगल का दुर्लभ संयोग, षडाष्टक योग बढ़ाएगा इन राशियों की मुश्किलें, निवेश-धन-सेहत पर पड़ेगा असर

ज्योतिष के मुताबिक, जब दो ग्रह 150 डिग्री के अंतर पर एक दूसरे से छठवें या आठवें भाव में हो तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है।ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ योग में गिना जाता है।

Pooja Khodani
Published on -

Shani Mangal Yuti/Shadashtak Yog : ज्योतिष शास्त्र में न्याय के देवता शनि और ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, जिन्हें एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लगता हैं, इसलिए एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को 30 साल लग जाते है। मंगल ग्रह को भूमि, साहस, वीरता और रक्त का कारक माना जाता है,वे हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है।

वर्तमान में शनि मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है और मार्च 2025 तक यही रहेंगे। मंगल आज 21 जनवरी को मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे है। वर्तमान में मंगल और शनि की युति से षडाष्टक नामक योग भी बना हुआ है।ज्योतिष के मुताबिक, जब दो ग्रह 150 डिग्री के अंतर पर एक दूसरे से छठवें या आठवें भाव में हो तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है, ऐसे में यह योग 4 राशियों के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है।

शनि-मंगल और राशियों पर प्रभाव

कर्क राशि: मंगल शनि युति और षडाष्टक योग का बनना जातकों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। धन का लेन देन करने में सावधानी रखें। इस समय आपको निवेश से बचना चाहिए।परिवार में विवाद की स्थिति बन सकती है। आपको फिजूल खर्चों का सामना करना पड़ सकता है।

धनु राशि: मंगल शनि युति और षडाष्टक योग का बनना जातकों के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है। क्रोध और तनाव से बचे। वाहन चलाने में सावधानी बरतना चाहिए।सेहत पर ध्यान रखना चाहिए। व्यापार में घाटा होने की संभावना है। साझेदारी के कारोबार में अधिक सावधानी बरतें। अनावश्यक खर्च से बचें।

सिंह राशि: शनि मंगल की युति और षडाष्टक योग जातकों पर प्रतिकूल असर कर सकता है। स्वास्थ्य खराब हो सकता है।कहीं भी पैसा निवेश करने से बचे। जमीन आदि में भी पैसा न लगाएं। नौकरीपेशा वाले लोग इस दौरान कार्यस्थल पर बड़ी सावधानी से बातचीत करें। वाहन सावधानी से चलाएं।कोई भी फैसला बहुत ही सोच समझकर करें अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता है।तनाव और मानसिक स्थिति रहेगी।

क्या होता है षडाष्टक योग

‘षडाष्टक योग’ को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ योग में गिना जाता है। दो ग्रहों की युति से इस योग का निर्माण होता है। जब किसी भी कुंडली में जब दो ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में आते हैं तो इसका निर्माण होता है।लग्न से या किसी भी भाव से जो छठा भाव होता है दुःख, रोग, ऋण, चिंता देता है। आठवां भाव उस जातक के लिए दुर्भाग्य, नष्टता, संकट आदि के परिणाम देता है. ऐसे में जब दो ग्रह कुंडली में इन भावों में आएंगे तो परिणाम हमेशा नकारात्मक ही मिलेंगे।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News