क्या पैर हिलाने की आदत आपके भाग्य पर डालती है प्रभाव? जानिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण

Astrology: अक्सर लोग बैठे या खाते समय अनजाने में अपने पैर हिलाते रहते हैं. यह आदत कुछ लोगों के लिए सामान्य हो सकती है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसे नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता है.

Bhawna Choubey
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आपने अक्सर ऐसे कई लोगों को देखा होगा, की बैठने के दौरान पैरों को बेवजह हिलाते हैं, ज्योतिष शास्त्र में इसे एक ग़लत आदत मानी जाती है. इस आदत को चंद ग्रह की स्थिति से जोड़कर देखा जाता है जो कुंडली में असंतुलन या मानसिक अशांति का प्रतीक हो सकता है.

जब हम बैठे हुए बेवजह पैरों को हिलाते हैं तो चंद्र की स्थिति कमज़ोर होती है. जिससे व्यक्ति की मानसिक शांति और भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. चंद्रमा का संबंध मानसिक संतुलन और शान्ति से होता है और जब यह कुंडली में कमज़ोर होता है तो व्यक्ति को तनाव घबराहट और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है.

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आत्मविश्वास होता है कमज़ोर (Astrology)

बैठकर बेवजह पैरों को मिलाने की आदत न केवल मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं बल्कि यह व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता को भी कमज़ोर कर देती है. जब कोई व्यक्ति लगातार इस आदत में रहता है तो इससे उसकी आत्मविश्वास में भी कमी आती है अब वह अपने निर्णयों को लेकर कन्फ्यूज रहता है.

माँ लक्ष्मी होती है नाराज़

बैठकर पैर हिलाने से धन की देवी माँ लक्ष्मी का अपमान होता है. धन की देवी महालक्ष्मी का सम्मान हमारे जीवन में सुख समृद्धि और ऐश्वर्य लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.

यदि कोई व्यक्ति बैठकर पैर हिलाता है तो लक्ष्मी माता के प्रति अपमान के रूप में देखा जाता है. इस आदत से घर में धन हानि होती है. कई लोगों को खाते वक़्त भी पैर हिलाने की आदत होती है.

खाने वक़्त पैर हिलाना

कई लोग खाना खाने के दौरान भी अपने पैरों को हिलाते हैं. यह एक अशुभ संकेत है, ऐसा माना जाता है कि इस आदत से अन्न देवता का अनादर होता है जिससे घर में आर्थिक तंगी, अशांति और नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है. इसलिए अगर आप में भी यह आदत है तो आज ही बदलें.

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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