हिंदू धर्म में ज्योतिष को बहुत महत्व दिया गया है। इसके मुताबिक हमारे जीवन में जितनी भी घटनाएं होती है वह कुंडली में मौजूद ग्रह नक्षत्र की स्थिति के आधार पर बनती है। जब ग्रहों की चाल में परिवर्तन आता है तो व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह का प्रभाव पड़ता है। जब कर्मों के देवता शनि अपनी चाल बदलते हैं तब भी व्यक्ति को अलग-अलग तरह के परिणाम मिलते हैं।
शनि देव को न्याय और कर्म फल का देवता कहा जाता है। अगर कुंडली में शनि दोष उत्पन्न होता है तो व्यक्ति को काम में बाधाओं का सामना करना पड़ता है और वह अच्छे फल प्राप्त नहीं कर पाता। जिन लोगों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती और ढैया चल रही है वो अक्सर परेशानी का सामना करते हैं। आज हम आपको कुछ उपाय बताते हैं जो इस दोष से मुक्ति दिलाने का काम करेंगे।

शनि की साढ़ेसाती (Shani)
शनि की साढ़ेसाती कुंडली में बनने वाला एक तरह का दोष है। वैसे ये शुभ और अशुभ दोनों तरह का होता है। अगर अच्छा परिणाम मिले तो व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच जाता है। वहीं अगर बुरे परिणाम मिले तो व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनि के साडेसाती जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आती है जिस काम में प्रगति मिलती है। वहीं परिणाम इसके विपरीत भी मिल सकते हैं। चलिए कुछ उपाय जान लेते हैं।
करें ये उपाय
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजन पाठ करना बहुत जरूरी है।
- शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर भगवान पर सरसों का तेल चढ़ाना बिल्कुल ना भूलें।
- भगवान को तेल अर्पित करते समय शनि मंत्र का जाप जरुर करें इससे कर्मफल के दाता प्रसन्न होते हैं।
- चंद्रमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं। इस दीपक में आपको काली उड़द और काले तिल डालना होंगे।
- शनिवार को काले तिल, तेल, उड़द और लोहे का दान करना ना भूलें। जरूरतमंदों को कंबल, चप्पल और काले जूते का दान करें।
- शनि देव को अगर प्रसन्न करना चाहते हैं तो बुरी संगत और बुरे कामों से दूर रहना जरूरी है।
- शनिदेव के आराध्य महादेव हैं इसलिए उनकी पूजन करना ना भूलें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।