ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली नक्षत्र और ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। खास करके ज्योतिष में न्याय व दंड के देवता शनि और देवताओं के गुरू बृहस्पति की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। शनि एक से दूसरी राशि में जाने के लिए करीब ढाई वर्ष का समय लेते है, ऐसे में एक ही राशि में दोबारा आने में शनि को करीब 30 साल लगते है।वही गुरु को सुख-समृद्धि, धन-वैभव, मान-सम्मान का कारक माना जाता है। वे 13 महीने में एक से दूसरी राशि में गोचर करते है। वर्तमान में शनि मीन राशि में वक्री अवस्था में स्थित है और गुरू मिथुन राशि में विराजमान है। 31 जुलाई को शनि और गुरु ग्रह एक-दूसरे से 100 डिग्री की दूरी पर रहेंगे, जिससे शतांक योग बनेगा।।यह योग 3 राशियों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है।
शनि गुरू का संयोग और राशियों पर प्रभाव
वृषभ राशि : शनि-गुरु का संयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। लंबे समय से अटके और रूके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। आकस्मिक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। आय में वृद्धि के प्रबल योग है।निवेश से आपको अच्छा लाभ मिल सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को सफलता मिलने के संकेत हैं। ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत होंगे । समाज में प्रतिष्ठा व सम्मान में वृद्धि होगी।
मकर राशि :शनि-गुरु का संयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है।जातकों को कई क्षेत्रों में अपार सफलता हासिल हो सकती है। लंबे समय से अटके कामों को गति मिल सकती है। जीवन में चली आ रही परेशानियों दूर होंगी। स्वास्थ्य में लाभ मिलेगा ।व्यापार के सिलसिले में यात्राएं कर सकते है। मुनाफा मिल सकता है। नौकरी के नए अवसर मिल सकते है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
कुंभ राशि: शनि-गुरु का संयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।नौकरी की तलाश पूरी हो सकती है। विदेश जाने का मौका मिल सकता है। व्यापार में धनलाभ के प्रबल योग है। परिवार के साथ संबंध मजबूत होंगे और आप सुख-शांति का अनुभव करेंगे। विदेशी कंपनियों से नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं ।पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।आय में वृद्धि होगी।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





