वैदिक ज्योतिष शास्त्र में 26 नक्षत्र होते हैं। प्रत्येक को 4 पदों में बांटा गया है। ग्रहों का नक्षत्रों से खास संबंध होता है। शुक्र, मंगल या कोई भी ग्रह जब किसी नक्षत्र के एक पद से निकलकर दूसरे पद में गोचर करता है तो इस स्थिति को “नक्षत्र पद गोचर” कहा जाता है। दैत्यों के गुरु शुक्र 3 जून को अश्विनी नक्षत्र के दूसरे पद में प्रवेश (Shukra Gochar 2025) करेंगे। इस बदलाव का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा।
शुक्र धन, संपत्ति, सुख, समृद्धि, प्रेम इत्यादि के कारक हैं। वहीं अश्विनी नक्षत्र का संबंध कारोबार, पारिवारिक जीवन, सेहत इत्यादि से होता है। इसका स्वामितत्व मायावी ग्रह केतु को प्राप्त है। वहीं इस नक्षत्र के दूसरा पद शुक्र द्वारा शासित होता है। कई राशियों के लिए 7 जून तक का समय लाभकारी सिद्ध होगा। इच्छाओं की पूर्ति होगी। सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। आइए हनें किन लोगों को सबसे अधिक लाभ होने वाला है?

इन राशियों का भाग्य चमकेगा
- कर्क राशि (Kark Rashi)– शुक्र के इस चाल से जातकों को खूब फायदा होने वाला है। प्रमोशन मिल सकता है। बिजनेस का विस्तार होगा। निवेश पर मुनाफा होगा। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। भूमि और संपत्ति से संबंधित विवाद खत्म होंगे। घर-परिवार में सुख और शांति बनी रहेगी। दोस्तों की तरफ से कोई अच्छी खबर मिलेगी।
- तुला राशि (Tula Rashi)– असुरों के गुरु शुक्र के नक्षत्र पद गोचर से तुला राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। विवाह की बात पक्की होगी। लंबित कार्य सम्पन्न होंगे। प्रतियोगी या सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को भी फायदा होगा, सफलता के योग बन रहे हैं।
- धनु राशि (Dhanu Rashi)- इन लोगों के लिए भी यह समय अनुकूल रहेगा। मेहनत का फल मिलेगा। हर काम में किस्मत का साथ भी रहेगा। नौकरी की तलाश पूरी होगी। प्रेमियों के लिए भी यह समय शुभ रहेगा। इनकम में वृद्धि होगी। बिजनेस का विस्तार होगा।
कुंडली में शुक्र को मजबूत कैसे करें?
कुंडली में शुक्र की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण होती है। ज्योतिष शास्त्र में इस ग्रह को धन, प्यार, एश्वर्य इत्यादि का कारक माना जाता है। कुंडली में इसका मजबूत होना जातक को धनवान बना सकती है। कुछ आसान उपायों से व्यक्ति अपना भाग्योदय कर सकते हैं। चांदी की अंगूठी पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है। माँ लक्ष्मी की पूजा करने से भी शुक्र मजबूत होता है। इसके अलावा सफेद वस्तु जैसे की दही, दूध, चांदी, चावल, सफेद वस्त्र इत्यादि का दान करें। शुक्रवार का व्रत भी रख सकते हैं।
(Disclaimer: इन आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, शास्त्रों, पौराणिक कथाओं समेत अन्य माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)