कुंडली में शुक्र (Shukra) की स्थिति केवल धन और समृद्धि पर ही नहीं बल्कि जातक के स्वास्थ्य और सामाजिक जीवन पर भी प्रभाव डालती है। इसकी स्थिति बलवान होने से व्यक्तित्व आकर्षक होता है। ऐसे लोग किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन में रोमांस और प्रेम बढ़ता है। शुक्र एक निर्धारित समय के भीतर अपनी चाल बदलते हैं। नक्षत्र परिवर्तन करने में 13 दिन का समय लगाते हैं।
शनि अमावस्या यानी 23 अगस्त को शुक्र नक्षत्र गोचर (Shukra Gochar) करेंगे। इस दिन पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसपर कर्मफल दाता शनि का शासन है। ऐसा संयोग करीब 50 साल बाद बन रहा है। शुक्र के चाल का प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन पर पड़ेगा। कई लोगों को खूब फायदा होगा। जातकों को किस्मत का साथ मिलेगा। आइए जानें ये भाग्यशाली लोग कौन हैं?
कर्क राशि (Kark Rashi)
कर्क राशि में संचरण करते हुए शुक्र पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जातकों पर शुभ प्रभाव पड़ेगा। पैसों से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म होगी। करियर में कई मौके मिल सकते हैं। पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। विवाह में आ रही बाधाएं दूर होगी। पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा। इच्छाओं की पूर्ति होगी। छात्रों को इस दौरान फायदा हो सकता है।
वृश्चिक राशि (Vrishchik Rashi)
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी शुक्र की यह चाल अनुकूल रहेगी। इनकम में वृद्धि होगी। भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी। कारोबार में भी मुनाफा बढ़ेगा। यह समय निवेश के लिए समय शुभ रहेगा। परिवार में खुशहाली आएगी। तरक्की के भी योग बन रहे हैं।
वृषभ राशि (Vrishabh Rashi)
वृषभ राशि पर शुक्र का शासन है। दैत्यों के गुरु की यह चाल जातकों बेहद ही लाभकारी सिद्ध होगी। नौकरी की तलाश पूरी होगी। बिजनेस से जुड़े लोगों को भी दौरान फायदा होगा। कोई बड़ी डील मिल सकती है। यदि आप निवेश की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल रहेगा। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ संबंध बेहतर होंगे। वेतन में वृद्धि होगी। प्रमोशन भी मिल सकता है। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है।
इन उपायों से होगा लाभ
22 अगस्त सुबह 11:55 बजे अमावस्या तिथि का आरंभ होगा। 23 अगस्त सुबह 11:35 बजे इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 23 अगस्त को शनि अमावस्या का मनाई जाएगी। इस दिन का बेहद ही खास महत्व होता है। कुछ उपायों को करना शुभ माना जाता है। शनि अमावस्या के दिन कर्मफल दाता शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें। सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जालना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। दान और पुण्य का विशेष महत्व होता है। सरसों का तेल, उड़द की दाल, लोहे की वस्तु, काले तिल, जूते, छाता, कपड़े इत्यादि का दान जरूर करें। कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत करने के लिए इस दिन हनुमान जी पूजा-अर्चना भी करनी चाहिए।
(अस्वीकरण: इस आलेख का उद्देश्य सिर्फ सामान्य जानकारी शेयर करना है। यह ज्योतिष गणना, मान्यताओं, पंचांग और अन्य माध्यमों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता। भविष्यवाणियों की गारंटी भी नहीं लेता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)





