Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों और कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। हर ग्रह एक निश्चित अंतराल के बाद एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, ऐसे में एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से योग राजयोग और दुर्लभ संयोग बनते है।इसी क्रम में मई में देव गुरू बृहस्पति और चन्द्रमा ग्रहों राजकुमार की राशि मिथुन में गजकेसरी राजयोग बनाने जा रहे है जो कई राशियों के लिए लकी साबित हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों में से चंद्रमा को सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह हैं और हर ढाई दिन में राशि बदलते हैं।वही गुरू 13 महीने में राशि परवर्तन करते है। वर्तमान में ज्ञान, बुद्धि, धर्म, भाग्य और संतान के कारक गुरू वृषभ राशि में विराजमान है और 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 28 मई को मन के कारक चन्द्रमा भी मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, ऐसे में मिथुन राशि में चन्द्र गुरू की युति से गजकेसरी राजयोग बनेगा जो 30 मई तक बना रहेगा।

चन्द्र गुरू के राजयोग से चमकेगा 3 राशियों का भाग्य
मिथुन राशि : चंद्रमा और देवदुरु बृहस्पति की युति से बने गजकेसरी राजयोग से जातकों को विशेष लाभ की प्राप्ति हो सकती है।लंबे समय चली आ रही समस्याएं खत्म होंगी। लंबे समय से चली आ रही पैसों की तंगी से राहत मिल सकती है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेेगा। धर्म-कर्म के मामले रूचि ले सकते है। जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। विदेश यात्रा के प्रबल योग है।
धनु राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए काफी फलदायी सिद्ध हो सकता है।अध्यात्म की ओर अधिक झुकाव बढ़ेगा। जीवन में लंबे समय से चली आ रही परेशानियां समाप्त हो सकती है। परिवार में सुख-शांति आएगी। पिता या ससुराल पक्ष से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। किसी शुभ या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते है। आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। आय वृद्धि के कई नए स्त्रोत बनेंगे।
कन्या राशि: गजकेसरी राजयोग जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल साबित हो सकता है। नौकरीपेशा को नई नौकरी के अवसर मिल सकते है।भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। विदेश यात्रा का मौका मिल सकता है और नौकरी के भी ऑफर आ सकते है।अटके रूके कामों को गति मिलेगी। वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहेगा। अविवाहितों के लिए शादी के प्रस्ताव आ सकते हैं। इस अवधि में घर, वाहन खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। आय के नए स्त्रोत खुलेंगे।
कब बनता है कुंडली में गजकेसरी राजयोग
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गजकेसरी योग मतलब हाथी के ऊपर सवार सिंह। इस योग में चंद्रमा की युति गुरु, बुध और शुक्र के साथ होती है। अगर चंद्रमा ,गुरु, बुध और शुक्र में से किसी एक से भी केंद्र में हो तो गजकेसरी योग का निर्माण जातक की कुंडली में होता है ।
- अगर किसी जातक की कुंडली के लग्न,चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र साथ हो तो इस योग का निर्माण होता है।यदि चंद्र या गुरु में से कोई भी एक दूसरे के साथ उच्च राशि में हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)