हमारे घर का वास्तु जैसा होता है हमारी जिंदगी पर प्रभाव भी वैसा ही पड़ता है। अगर वास्तु के मुताबिक घर की चीज ठीक है तो व्यक्ति को अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं वहीं अगर चीज सही नहीं है तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वास्तु में हर चीज से जुड़ी दिशा को खास महत्व दिया गया है। अगर दिशा ठीक है तो परिणाम भी अच्छे प्राप्त होते हैं और अगर यह ठीक नहीं है तो व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
घर का वास्तु सबसे ज्यादा मुख्य द्वार से जुड़ा होता है। यह एक ऐसी जगह है जहां से देवी देवता घर में प्रवेश करते हैं। ऐसे में द्वारा के सभी दिशा में होने की बात को विशेष महत्व दिया गया है। कई बार ऐसा होता है कि घर का द्वार दक्षिण दिशा की तरफ होता है। यह यह की दिशा है जो नकारात्मकता से भरपूर होती है। ऐसे में अगर घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो कुछ उपाय अपना कर नकारात्मक परिणामों से दूर रहा जा सकता है। चलिए आज हम आपको ऐसे ही उपाय बताते हैं।
स्वास्तिक, त्रिशूल और ॐ (Vastu Tips)
हर मंगलवार और शनिवार को पीपल की लकड़ी से बनी हुई कलम से गेरू, सिंदूर और घी के माध्यम से स्वास्तिक त्रिशूल और ॐ का निशान बनाएं। यह आपके दरवाजे के ऊपर की तरफ बनाना है। यह काम सूर्योदय के बाद करें। इस उपाय से दक्षिण दिशा से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा नियंत्रित होती है।
तुलसी और आंवले का पौधा
अगर दक्षिण दिशा की तरफ तुलसी, आंवले या शमी का पौधा लगा लिया जाए तो बहुत शुभ माना जाता है। अगर कच्ची जगह नहीं है तो आप गमले में भी इन पौधों को लगा सकते हैं। तुलसी को रोजाना जल चढ़कर दीपक जरूर लगाएं। इस उपाय से दक्षिण दिशा की रौद्र ऊर्जा सदगुण में बदल जाएगी। इससे घर में समृद्धि संतुलन और मानसिक शांति बनी रहती है।
लोहे या तांबे का पिरामिड
अगर प्रवेश द्वार के ऊपर तांबे या लोहे का वास्तु पिरामिड लगाया जाए जिस पर ॐ नमः शिवाय लिखा हो तो यह बहुत शुभ माना जाता है। इसे लगाने से व्यक्ति के अंदर चल रही उलझन और भय खत्म होता है। अगर कोई वाद विवाद चल रहा है वह भी दूर हो जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश को रोकता है और शुभ परिणाम देता है।
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