विपरीत राजयोग पलटेगा 3 राशियों का भाग्य! फरवरी से गोल्डन टाइम, खुलेंगे सफलता के द्वार, पैसा-पद और प्रतिष्ठा के योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली के छठे, आठवें, बारहवें, भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। इस योग में त्रिक भावों और उनके स्वामियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

Pooja Khodani
Updated on -

Vipreet Rajyog 2025: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हर ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि परिवर्तित करता है और इस दौरान एक राशि में दो या दो से अधिक ग्रहों के आने से शुभ योग या राजयोग का निर्माण करता है जिसका प्रभाव मानव जीवन, 12 राशियों और पृथ्वी पर पड़ता है।

वर्तमान में न्याय और दंड के देवता शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है।11-12 फरवरी को ग्रहों के राजकुमार और ग्रहों के राजा सूर्य ने भी कुंभ में प्रवेश किया है, ऐसे में 50 साल बाद कुंभ राशि में बुध, शनि और सूर्य के पहुंचने से दुर्लभ युति से विपरित राजयोग का निर्माण हुआ है, जो 3 राशियों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा, आइए जानते हैं कौन सी है वो लकी राशियां…..

MP

इन राशियों के लिए लकी साबित होगा विपरित राजयोग

कर्क राशि : विपरीत राजयोग जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।आय में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। कार्यों में सफलता मिलेगी। किस्मत का साथ मिलेगा।छात्रों के लिए भी समय उत्तम रहेगा। आकस्मिक धनलाभ हो सकता है। शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में लाभ हो सकता है। काम- कारोबार रियल स्टेट, प्रापर्टी औऱ जमीन- जायदाद से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ हो सकता है। व्यापार में लाभ मिलेगा, नई डील के ऑफर आ सकते है।

धनु राशि : विपरित राजयोग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। जातकों को आकस्मिक धन की प्राप्ति हो सकती है।लंबे समय से अटका और फंसा हुआ धन वापस मिल सकता है। नया घर संपत्ति और वाहन खरीद सकते है। नौकरीपेशा के लिए समय अनुकूल रहेगा। पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। भाग्य का साथ मिलेगा।निवेश से अच्छा मुनाफा होने का योग है।

कन्या राशि: विपरीत राजयोग का बनना कन्या राशि के जातकों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। समाज में मान- सम्मान बढ़ेगा। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। लंबे समय से अटका और फंसा हुआ धन मिल सकता है। आय में वृद्धि के साथ नए नए अवसर खुलेंगे।। मकान या वाहन खरीद सकते है। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलेगी। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।

कुंडली में कब बनता है विपरित राजयोग

  • वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब कुंडली के छठे, आठवें, बारहवें, भाव के स्वामी युति संबंध बनाते हैं, तो विपरीत राजयोग का निर्माण होता है। इस योग में त्रिक भावों और उनके स्वामियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
  • वैसे त्रिक भावों को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना जाता लेकिन कुछ विशेष परिस्थियों के कारण यह शुभ फल देने लगते हैं, वहीं मुख्यत: त्रिक भावों में से किसी भाव का स्वामी किसी अन्य त्रिक भाव में विराजमान हो तो इस योग का निर्माण होता है।
  • , विपरीत राजयोग का निर्माण होने से व्यक्ति को धन लाभ के साथ वाहन, संपत्ति का सुख प्राप्त होता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News