बाबा बर्फ़ानी के दर्शन का सपना देखने वाले भक्तों के लिए यह ख़बर एक नहीं होगी और ख़ुशी लेकर आयी है। अमरनाथ यात्रा 2025 की तारीख़ों का ऐलान हो चुका है। इस बार यह पवित्र यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस बार यात्रा को और भी आसान सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए ख़ास इंतज़ाम किया है।
श्रद्धालुओं की हर ज़रूरत का ध्यान रखते हुए रहने, खाने, स्वास्थ्य और सुरक्षा की व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया गया है। इतनी सब सुविधाओं के साथ भक्त बिना किसी चिंता और परेशानी के अपनी यात्रा को श्रद्धा और भक्ति के साथ पूर्ण कर सकें।

बाबा अमरनाथ यात्रा 2025 (Amarnath Yatra 2025)
ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
पिछले साल की तरह ठीक इस बार भी अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों माध्यमों से सुविधाजनक बनाया गया है। इससे देशभर से आने वाले वक़्त आसानी से अपना रजिस्ट्रेशन कर पवित्र गुफा में बाबा बर्फ़ानी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे। पिछले साल यानी 2024 में यह प्रक्रिया 17 अप्रैल से शुरू हुई थी।
सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष ध्यान
अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों को लेकर अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। आपको बता दें इस बैठक में जम्मू कश्मीर के DGP नलिन प्रभात, मुख्य सचिव अटल ढुल्लू समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इस बैठक के दौरान यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत करने और श्रद्धालुओं की यात्रा जितना हो सके उतना सुविधाजनक बनाने पर ज़ोर दिया। ऐसा इसलिए किया गया की जिससे की है यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की कोई भी परेशानी का सामना न झेलना पड़े।
अमरनाथ यात्रा के लिए रोपवे
आपको बता दें, केंद्र सरकार ने पवित्र अमरनाथ गुफा तक पहुँचने के लिए बालटाल से रोपवे बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को मंज़ूरी दे दी है। यह परियोजना देशभर के 18 प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर रोपवे निर्माण के व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा है। वर्तमान में श्रद्धालुओं 38 किलोमीटर लंबी पहलगाम मार्ग या 13 किलोमीटर कठिन बालटाल मार्ग से ही पैदल यात्रा करते हुए भगवान शिव के पवित्र हिमलिंग के दर्शन करते हैं, रोपवे बनने के बाद यह यात्रा काफ़ी सरल और सुगम हो जाएगी। रोपवे में ट्रैकिंग , हेलिकॉप्टर, खच्चर और पालकी का एक किफ़ायती ऑप्शन होगा।
बढ़ती संख्या के मद्देनजर सुविधाओं का विस्तार
यह यात्रा अनंतनाग ज़िले की पहलगाम ट्रैक और गंदेरबल ज़िले के बालटाल मार्ग से शुरू होगी और 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। आपको बता दें बैठक में तीर्थ यात्रियों की बढ़ती संख्या को मद्देनज़र रखते हुए जम्मू, श्रीनगर और अन्य स्थानों पर ठहरने की क्षमता बढ़ाने, ई केवाईसी के लिए यात्री सुविधा केन्द्रों का संचालन, RFID कार्ड जारी करने, जैसी चीज़ों पर विचार विमर्श किया गया। इतना ही नहीं, इसके अलावा , पहलगाम, नुनवान, और पंथा चौक से श्रीनगर में इन सुविधाओं को और बेहतर बनाने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।