Mon, Dec 22, 2025

2 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी, वास्तु नियमों का पालन करते हुए मूर्ति करें स्थापित

Written by:Sanjucta Pandit
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हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह से ही बच्चे उत्साहित नजर आते हैं। स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम भी इस दिन आयोजित किए जाते हैं।
2 फरवरी को मनाई जाएगी बसंत पंचमी, वास्तु नियमों का पालन करते हुए मूर्ति करें स्थापित

Basant Panchami 2025 : सनातन धर्म में बसंत पंचमी महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है, जो हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बच्चे ज्ञान की देवी मां सरस्वती की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

इस खास मौके पर स्कूलों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। सुबह से ही बच्चे तैयार होकर स्कूल प्रांगण में पहुंच जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको वसंत पंचमी मनाने का शुभ मुहूर्त और वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों के बारे में बताएंगे, जिनका पालन करने से छात्रों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में 02 फरवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाएगा। जिसका शुभारंभ माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 2 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट पर होगा। वहीं, पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। इस दौरान विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने पर मां सरस्वती का विशेष आशीर्वाद मिलेगा।

नियमों का पालन करते हुए मूर्ति करें स्थापित

यदि मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से पहले वास्तु नियमों को जान लें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, माता सरस्वती की मूर्ति को उत्तर की दिशा में स्थापित करें। इससे हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। इसके अलावा, मूर्ति स्थापित करने से पहले यह जरूर ध्यान दें कि वह कमल पुष्प पर बैठी हुई मुद्रा में हो। मूर्ति खंडित या टूटी हुई ना हो। अन्यथा, इसके नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित ज्योतिष से सलाह लें।)