चाणक्य नीति में छिपा है स्त्री की सुरक्षा और सम्मान का मूल मंत्र, जानें क्यों दी जाती है मर्यादा की सलाह

भारत में स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है। लोग अपनी बेटी को लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं। वहीं, शादी के बाद पति अपनी पत्नी को लक्ष्मी का दर्जा देता है। आज के आर्टिकल में हम आपको महिलाओं की मर्यादा से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे।

चाणक्य की नीतियां देश ही नहीं, बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। उनकी बताई गई बातों को अपनाने वाला व्यक्ति समाज में अच्छा इंसान बनता है। यह हर वर्ग के लिए मार्गदर्शन का बेहतरीन स्रोत माना गया है। इसमें जीवन में सुख-दुख से लेकर हर एक छोटी से बड़ी चीज का वर्णन पाया जाता है। अक्सर जब कोई मुसीबत आती है, तो बड़े बुजुर्गों द्वारा चाणक्य नीति (Chanakya Niti) को अपनाने की सलाह दी जाती है। यदि बचपन से ही चाणक्य नीति को फॉलो किया जाए, तो परेशानियां कभी आएंगी ही नहीं। अगर कभी कोई विषम स्थिति बनती भी है, तो उसे आसानी से बिना किसी चिंता के सुलझाया जा सकता है।

आचार्य चाणक्य के विचार हमेशा समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं। अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने नारी के सम्मान, उसकी सुरक्षा और समाज में उसकी भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण बातें बताई है।

स्त्री को दिया गया है देवी का दर्जा

स्त्री को समाज के लिए महत्वपूर्ण कड़ी माना गया है। उनके बिना इस सृष्टि का विकास संभव नहीं है। भारत में स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है। लोग अपनी बेटी को लक्ष्मी का स्वरूप मानते हैं। वहीं, शादी के बाद पति अपनी पत्नी को लक्ष्मी का दर्जा देता है। आज के आर्टिकल में हम आपको महिलाओं की मर्यादा से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे, जिसका जिक्र आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में विस्तार पूर्वक किया है।

स्त्री की मर्यादा

चाणक्य नीति के अनुसार, जब भी कोई पुरुष स्त्री को मर्यादा में रहने की सलाह देता है, तो इसका अर्थ या नहीं है कि वह उस पर विश्वास नहीं करता, बल्कि वह समाज की नजरों और मानसिकता को भली-भांति जानता है। इसलिए पुरुष महिलाओं को मर्यादा में रहने की सलाह देते हैं।

इसलिए देते हैं पुरुष यह सलाह

वर्तमान की बात करें, तो स्त्रियों के प्रति दुराचार और लगातार विभिन्न तरह की घटनाएं समाज में बढ़ रही है। ऐसे में समाज की नकारात्मक सोच से स्त्रियों को सुरक्षित रखने के लिए पुरुष उन्हें मर्यादा में रहने की सलाह देते हैं, ताकि उनकी गरिमा बची रहे। अक्सर यह देखा जाता है कि समाज में स्त्रियों के व्यवहार, पहनावे-उढ़ावे और बोलचाल को लेकर तरह-तरह की बातें की जाती है। इस सच्चाई को करीब से जानते हुए पुरुष स्त्री के प्रति अधिक पोजेसिव हो जाता है और वह स्त्रियों को मर्यादा में रहने की सलाह देता है।

स्त्री का कर्तव्य

ऐसे में स्त्री का यह धर्म है कि वह मर्यादा की सलाह को अनावश्यक ना लेते हुए इस बात पर गौर फरमाए, क्योंकि समाज में अपनी मर्यादा को बचाए रखना बेहद जरूरी है। इसलिए यह जरूरी है कि महिलाएं अपनी गरिमा को पहचाने। आज की दुनिया में महिलाएं किसी भी पुरुष से काम नहीं है। ऐसे में आत्म सम्मान और आत्म बल को कभी भी कम न होने दें। यदि कोई आपको मर्यादा में रहने की सलाह दे, तो उसे ध्यान से सुने और मानें, क्योंकि गलत संगति आपके चरित्र और छवि को नुकसान पहुंचा सकती है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


About Author
Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

Other Latest News