सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और चंद्र ग्रहण का बहुत बड़ा महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इसे शुभ नहीं माना जाता है। यह एक खगोलीय घटना होती है। वहीं, साल 2025 का पहले सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या एक ही दिन पड़ रहे हैं। इसलिए इस संयोग को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव को न्याय और कर्म फल का देवता आ जाता है, तो वहीं सूर्य देव सभी ग्रहों के राजा हैं, जिन्हें ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। बात करें आमावस्या कि तो यह पितृरों को समर्पित होती है।

मनचाहा फल की प्राप्ति
ऐसे में तीनों का एक साथ पड़ना कई शुभ और अशुभ प्रभावों का कारक बन सकता है। इस दिन कुछ ऐसे कार्य ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं, जिन्हें करने से मनचाहा फल की प्राप्ति होती है। सभी रुके काम बन जाते हैं।
डेट और टाइम
ज्योतिष गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2:20 पर शुरू हो जाएगा। जिसका समापन शाम 6:16 पर होगा। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में मान्य नहीं होगा। जिसकी वजह से इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा।
करें ये काम
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूर करना चाहिए। इसके बाद विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करें। आप चाहे तो गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच दान कर सकते हैं।
- सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें। इससे जीवन में सुख और शांति आएगी।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर लें। फिर 6 नारियल को अपने सिर के ऊपर से घूमा कर बहते जल में बहा दें। इससे सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर चली जाएगी।
- इसके अलावा, आप स्नान करने के बाद पूजा करें। आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें। इससे साधकों को सूर्य देव की कृपा की प्राप्ति होती है।
करें ये दान
इस दिन काले तिल, काले वस्त्र, काल छाते और काले जूते आदि का ध्यान करना चाहिए। जिससे शनि के नकारात्मक प्रभाव खत्म होंगे। इसके अलावा, तेल, अनाज, वस्तु और गुड़ का दान करने से पितरों को भी शांति मिलेगी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)