भाद्रपद माह की अमावस्या (Bhadrapada Amavasya 2025) तिथि इस बार 25 अगस्त 2025, सोमवार को पड़ रही है। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथियों को विशेष रूप से श्राद्ध और पितृ तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन की गई पूजा से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है तो भाद्रपद अमावस्या पर उपाय करना लाभकारी होता है। खासकर भगवान विष्णु की आराधना और विष्णु चालीसा का पाठ पितृ दोष निवारण का सबसे सशक्त उपाय माना गया है।
भाद्रपद अमावस्या पर क्यों करें विष्णु चालीसा का पाठ?
- पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- घर-परिवार में सौभाग्य और शांति आती है।
- जीवन की बाधाएँ और आर्थिक संकट धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं।
- विष्णु चालीसा में भगवान विष्णु के गुणगान और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
पितृ दोष निवारण के विशेष उपाय
1. पितृ तर्पण और पिंडदान
भाद्रपद अमावस्या के दिन तिल, जल और पिंडदान करना पितरों की आत्मा को तृप्त करने का प्रमुख उपाय है। यह कर्म पवित्र नदी या घर पर ही विधि-विधान से किया जा सकता है।
2. व्रत और दान का महत्व
इस दिन व्रत रखने और गरीबों को भोजन कराने का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि दान-पुण्य से पितरों को प्रसन्नता मिलती है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है।
3. भगवान विष्णु की विशेष पूजा
शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या पर पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। विष्णु चालीसा का पाठ करने से पुण्य फल अनेक गुना बढ़ जाता है।





