Bhai Dooj 2023 : हिंदू धर्म में भाई दूज का पर्व खास महत्व रखता है। जिसे दिवाली के पांचवें दिन मनाया जाता है। यह भाई-बहन के पवित्र बंधन का पर्व होता है। यह भारतीय संस्कृति में भाईबहन के प्रेम और संबंध की महत्वपूर्ण प्रतीक है। बहन अपने भाई की आरती करती है। उन्हें आशीर्वाद देती है। साथ ही, उनके दीर्घायु की कामना करती है। यह त्योहार भारत में विभिन्न प्रांतों और समुदायों में भिन्न-भिन्न रूपों में मनाया जाता है। इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी अनोखी परंपरा के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप सभी आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
भाई दूज की अनोखी परंपरा
दरअसल, हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ जिले के जशपुर में एक विशेष समुदाय के बहनों की जो इस पावन पर्व पर अपने भाइयों को मरने का श्राप देती है। जी हां, आपको यह जानकारी हैरानी होगी लेकिन यह सच है। यहां की अनोखी परंपरा कई सालों से चली आ रही है। केवल इतना ही नहीं, मरने का श्राप देने के बाद बहनें अपने जीभ पर कांटा चुभती है। ऐसी मान्यता है कि इससे भाई-बहन का प्यार और गहरा हो जाता है।
जानें इसकी मान्यता
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार यमराज पृथ्वी पर विचरण कर रहे थे। यहां वो किसी ऐसे व्यक्ति के प्राण हरण करने आए थे जिसकी बहन ने उसे कभी श्राप या अपशब्द ना कहे हो। काफी खोजबीन करने के बाद यमराज को वो व्यक्ति मिल गया, जिसकी बहन ने उसे कभी गाली नहीं दिया था। दोनों भाई-बहन में अटूट प्रेम और विश्वास था। तभी बहन को यमराज की योजना की जानकारी लगी। तो अपने भाई को बचाने के लिए उसे बेवजह खुब गालियां और श्राप दे डाली। जिससे हैरान होकर यमराज को खाली हाथ वहां से वापस जाना पड़ा।
रिश्ते को करता है मजबूत
इस तरह बहन अपने भाई की जान बचा लेती है। तब से लेकर यहां ये अजीबो-गरीब परंपरा चली आ रही है। पहले यहां भाईयों को गाली देती हैं बहनें। उसके बाद खुद की जीभा पर कांटा चुभोती है ताकि इसका प्रायश्चित हो सके। यह त्योहार भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र और सद्भावना भरे रिश्ते को मजबूत करता है। साथ ही, इसे समरसता, सहयोग और प्रेम की भावना के साथ आदर्श बनाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)