चैत्र महीना हिन्दू धर्म में बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस महीने की पूर्णिमा तिथि यानी चैत्र पूर्णिमा का ख़ास महत्व होता है क्योंकि यही हिन्दू नववर्ष की पहली पूर्णिमा होती है। इस साल चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल शनिवार के दिन पड़ रही है और इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
धार्मिक मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। इसके साथ ही तुलसी माता की पूजा भी बहुत लाभकारी मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्रद्धालु भक्ति भाव से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

चैत्र पूर्णिमा का क्या महत्व है?
हालाँकि, पूजा करते वक़्त कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है। पूजा के समय छोटी सी भी गलती हो जाए, तो मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है और इसका असर घर की सुख शांति और समृद्धि पर पड़ सकता है। इसलिए आइए जानते हैं कि तुलसी पूजन करते समय किन बातों से बचना चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा पर क्या-क्या नहीं करना चाहिए
- चैत्र पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्तों के साथ छेड़-छाड़ करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से माँ लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है।
- तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इस पौधे के आस पास किसी भी तरह की गंदगी नहीं रखना चाहिए। पौधे के आस पास हमेशा साफ़ सफ़ाई बनाए रखें। गंदगी करने से माता लक्ष्मी नाराज़ हो सकती है।
- ऐसा भी माना जाता है कि महिलाओं को कभी भी खुले बालों में तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है और पूजा का भी पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।