Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार इन परिस्थितियों में इंसान का जीवन हो जाता है कठिन, रिश्तेदार भी छोड़ देते हैं साथ

उनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व माना जाता है। वे अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित और ज्ञानी आचार्यों में से एक थे। बता दें कि उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार थे।

Sanjucta Pandit
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Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य को कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। वह शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ माने जाते थे। उनका जन्म लगभग 400 ईसा पूर्व माना जाता है। वे अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित और ज्ञानी आचार्यों में से एक थे। बता दें कि उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार थे। उनकी नीति और रणनीति का उपयोग करके चंद्रगुप्त मौर्य ने नंद वंश को हराकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। चाणक्य ने न केवल सैन्य रणनीतियां अपनाई, बल्कि कूटनीति का भी उपयोग किया। उन्होंने मित्र और शत्रु की पहचान करने के बाद साम्राज्य विस्तार और सुरक्षा के लिए नीतियां बनाई थी। उनकी चाणक्य नीति आज भी लोगों के काम आती है और बड़े-बड़े लोगों द्वारा अपनाई जाती है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य की नीतियों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार इन परिस्थितियों में इंसान का जीवन हो जाता है कठिन, रिश्तेदार भी छोड़ देते हैं साथ

पढ़ें चाणक्य नीति

  • चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी मनुष्य का जीवन उसे वक्त कठिन हो जाता है जब वह खुद में बदलाव लाने की बजाय स्थिति को बदलने का प्रयास करता है। दरअसल, बदलाव सृष्टि का नियम है और जो समय के साथ बदलाव को स्वीकार कर लेता है। वह जीवन में हमेशा खुश रहता है। वहीं, जो लोग स्वीकार सच्चाई को स्वीकार न करते हुए स्थिति को ही बदलने की कोशिश में लगे रहते हैं, वह अक्सर दुखी रहते हैं क्योंकि चाह कर भी परिस्थितियों को बदला नहीं जा सकता है।
  • आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब भी पुरुष स्त्री से हारने लगता है तो सबसे पहले वह उसके चरित्र पर हमला करता है ताकि उस पर लोगों द्वारा उंगली ना उठाई जाए, बल्कि लड़की को ही गलत साबित कर दिया जाए जोकि गलत है। दरअसल, कौटिल्य इस बात की निंदा करते हैं कि पुरुष अपने असफलता के लिए स्त्रियों को दोष दें और उनके चरित्र पर सवाल उठाएं।
  • चाणक्य नीति के अनुसार यदि व्यक्ति शक्तिहीन है, तो उसे अपनी गरीबी दूर करने के प्रयास में समय और ऊर्जा व्यर्थ नहीं करनी चाहिए। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से इस स्थिति में नहीं है कि वह गरीबी से लड़ सके, तो उसे पहले अपनी स्थिति को सुधारने और शक्तिशाली बनने पर ध्यान देना चाहिए। ना कि व्यर्थ बातों पर जोर देना चाहिए।
  • आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति को लिखते वक्त इस बात का जिक्र किया था कि किसी भी व्यक्ति की प्रशंसा चाहे जितनी भी कर लीजिए लेकिन अपमान बहुत ही सोच समझकर करना चाहिए। क्योंकि हर किसी का समय बदलता है और उस वक्त जब वह व्यक्ति अपमान का बदला लेगा तो वह ब्याज सहित चुकाएगा। कहा जाता है कि जब आईना टूटा है तब वह धारदार हथियार बन जाता है। इसलिए किसी को कुछ भी पहले बोलने से पहले अवश्य सोच लें।
  • चाणक्य आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी इंसान को मौका परस्त नहीं होना चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि जो व्यक्ति मौका देखकर अपना व्यवहार बदल लेता है। वैसे लोगों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को गिरगिट के नाम से संबोधित किया जाता है जोकि माहौल देखकर अपना रंग बदल लेता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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