Chanakya Niti : चाणक्य प्राचीन भारतीय राजनीतिज्ञ, धार्मिक और अर्थशास्त्री थे। वे भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्ति माने जाते हैं। उनका जन्म लगभग 40 ईसा पूर्व में हुआ था। जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दरअसल, वे नंद राजा धनानंद के अत्याचारों और अनाचार से असंतुष्ट थे। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को सत्ता में स्थापित किया और उनके राज्य के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चाणक्य ने चंद्रगुप्त को न केवल राजनीतिक और सैन्य मामलों में प्रशिक्षित किया। उनका जीवन सरल और निस्वार्थ था। वे अपने सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। उनकी नीतियों और शास्त्रों में राजनीति, व्यापार, धर्म, समाज, और युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। उनकी नीति को अपनाने वाला हर एक व्यक्ति नेक और सफल इंसान बनता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको चाणक्य नीति में बताई गई बहुत सी बाते बताएंगे। आइए जानते हैं विस्तार से…

पढ़ें चाणक्य नीति
- चाणक्य नीति के अनुसार, परिश्रम करने की उम्र में अगर आप आराम करते हैं तो आपको उम्र भर परिश्रम करना पड़ेगा। इसलिए जब आपको कुछ करने का मौका मिले, तो उस मौके को ना गवाएं, बल्कि उस समय का सही उपयोग कर खुद को इस काबिल बनाए कि लोग आपकी नहीं, बल्कि आपके काम की तारीफ करें।
- आचार्य चाणक्य ने कहा है किसी भी मनुष्य को समाज की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि लोग केवल कहना जानते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आपका खर्च समाज के लोग नहीं, बल्कि आप खुद उठाते हैं। इसलिए आपको क्या करना है और क्या नहीं इसका फैसला आपको खुद करना चाहिए।
- अक्सर अच्छा इंसान तब बुरा बनने लगता है, जब लोग उसकी अच्छाइयों का फायदा उठाने लगते हैं। इसलिए चाणक्य नीति में यह कहा गया है कि अच्छा उतना ही बनो जीतने में आपका कोई नुकसान ना हो।
- आचार्य चाणक्य ने सफलता के मंत्र बताते हुए यह कहा था कि इंसान सफल तब होता है, जब वह दुनिया को नहीं बल्कि खुद को बदलना शुरू कर देता है। खुद में बड़ा बदलाव लाना ही दुनिया का बदलाव करने के समान है। इसलिए दूसरों को दिखाने के बजाय खुद को काबिल बनाएं।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर आपके जीवन में कुछ अच्छा हो रहा है, तो इसे दूसरे से शेयर करने की गलती भूल कर भी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि हर मीठा बोलने वाला व्यक्ति आपका अच्छा नहीं चाहता, बल्कि वह आपको नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में आपके बने-बनाए काम बिगड़ सकते हैं।
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आपका कोई शत्रु नहीं है, तो इसका अर्थ है कि आप उसे जगह पर भी मौन थे, जहां पर अन्याय हो रहा था। उनका कहना है कि इंसान को हमेशा सच के लिए आवाज उठानी चाहिए और अन्याय को कभी भी नहीं सहना चाहिए, जो गलत है वह गलत है और जो सही है, वह सही है। इसे बोलने में जरा सी भी संकोच नहीं करनी चाहिए।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





