चाणक्य नीति: अपने बच्चे को नहीं देते ये 4 चीज, वैसे माता-पिता नहीं होते दुश्मन से कम

चाहे दोस्ती हो, चाहे पति-पत्नी का रिश्ता हो, चाहे समाज की बात हो या फिर प्रोफेशनल करियर की बात हो हर जगह चाणक्य नीति की बातें काम आती हैं।

Sanjucta Pandit
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चाणक्य नीति प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, शिक्षक और दार्शनिक थे। जिन्हें कौटिल्य या फिर विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है। पढ़ाई के दौरान उन्होंने युद्ध कला, राजनीति, अर्थशास्त्र और धर्मशास्त्र का भी ज्ञान अर्जित किया। हर तरह से निपुण होने के कारण लोग उनकी सलाह लेना पसंद करते थे। उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को प्रशिक्षित किया। उनकी राह पर चलते हुए मौर्य साम्राज्य ने नंद वंश पर आक्रमण कर जीत हासिल की और भारत में मौर्य साम्राज्य की स्थापना हुई, जहां सभी लोग खुशहाल पूर्वक जीवन जीने लगे।

अपने अनुभव से आचार्य चाणक्य ने अर्थशास्त्री, कूटनीति, चाणक्य नीति सहित अन्य कई ग्रंथों की रचना की। जिसमें जीवन के हर पहलुओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है। चाहे दोस्ती हो, चाहे पति-पत्नी का रिश्ता हो, चाहे समाज की बात हो या फिर प्रोफेशनल करियर की बात हो हर जगह चाणक्य नीति की बातें काम आती हैं।

दें शिक्षा

चाणक्य नीति के अनुसार, यदि कोई माता-पिता अपने बच्चों को उचित शिक्षा नहीं देते हैं, तो वह अपने ही बच्चों के शत्रु होते हैं, क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति का समाज में हमेशा तिरस्कार ही किया जाता है। लोग उन्हें पूछते नहीं है, उनकी इज्जत नहीं करते। ऐसे लोग हंसी के पात्र बन जाते हैं, इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षा अवश्य देना चाहिए।

सत्य की राह पर सिखाएं चलना

सभी माता-पिता को बचपन से ही अपने बच्चों को सत्य और भी विनम्रता का पाठ पढ़ाना चाहिए। बहुत सारी ऐसी बातें होती हैं, जो कि बचपन से ही सीखना पड़ता है, ताकि वह समाज का हिट कर सके और अच्छाई के रास्ते पर चलते हुए अच्छे व्यक्ति बन सके।

करें सम्मान

चाणक्य नीति के अनुसार, माता-पिता का यह दायित्व होता है कि वह अपने बच्चों को सभी का सम्मान और आदर करना सिखाए, जो अपने बच्चों को ऐसे संस्कार नहीं देते हैं। वह दूसरों में कमियां ही निकलने का काम करते हैं। इससे वह अच्छा व्यक्ति आगे चलकर नहीं कहलाता है और ना ही वह समझ में सकारात्मक योगदान दे पाता है।

एक्टिव रहना सिखाएं

चाणक्य नीति के अनुसार, व्यक्ति को कभी भी आलस्य नहीं करना चाहिए। ऐसा व्यक्ति खुद का ही दुश्मन बन जाता है, इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को आलस्य से दूर रखना चाहिए। उन्हें किसी न किसी एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि व्यस्त रहें और फुर्ती से सभी काम में सक्रियता दिखाएं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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